लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की मुख्य 16 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का 20 सितंबर 2020 से चल रहा आंदोलन आज 21 अक्टूबर से दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है।
आज से सोशल मीडिया के माध्यम से कर्मचारियों की मांगों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। संयुक्त परिषद के जनपद शाखाओं के पदाधिकारियों एवं संबद्ध संगठनों द्वारा प्रतिदिन मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव की ईमेल आईडी पर मांगे प्रेषित कर उन पर कार्यवाही करने का अनुरोध किया जाएगा।
व्हाट्सएप ग्रुप ,फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी किया जाएगा
मांगों का व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप ,फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी किया जाएगा। जेएन तिवारी ने अवगत कराया है कि संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया जाना, नियमितीकरण किया जाना ,नगर प्रतिकर भत्ता सहित अन्य रोके गए भत्तों एवं सुविधाओं को बहाल किया जाना, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बनाए गए जेम पोर्टल की कार्यवाही को समय बंद किया जाना, कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कार्मिक विभाग में अलग पोर्टल विकसित किया जाना, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली पर पुनर्विचार किया जाना ,भारत सरकार के निर्णय के अनुसार प्रदेश के उन कर्मचारियों को जिनकी नियुक्ति अक्टूबर 2009 तक हुई है, उनको पुरानी पेंशन की परिधि में लिया जाना, अनुसूचित प्राथमिक विद्यालयों को अनुदान सूची में लिया जाना, परिवहन निगम में प्रस्तावित निजीकरण एवं अन्य सभी सरकारी विभागों के निजीकरण पर रोक लगाया जाना, एसीपी व्यवस्था के संबंध में जारी शासनादेश 29 सितंबर 2020 को वापस लिया जाना, चिकित्सा परिचर्या नियमावली में संशोधन किया जाना, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर 300 दिनों का अवकाश नकदीकरण दिया जाना एवं विभागीय स्तर पर संगठनों के साथ वार्ताओं का सिलसिला शुरू किया जाना आदि मांगों से मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव कार्मिक को 21 नवंबर तक सोशल मीडिया के माध्यम से अवगत कराया जाएगा।
जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि परिवहन निगम में निजी करण के खिलाफ सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ द्वारा धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का इस कार्यक्रम को पूर्ण समर्थन है ।उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर परिवहन निगम में निजी करण पर रोक लगाने के संबंध में हस्तक्षेप करने एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधियों के साथ तत्काल वार्ता करने का अनुरोध किया है ।