कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के द्वारा विनायक दामोदर सावरकर को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत पारा चढ़ गया है. राजनीतिक दलों के साथ साथ राहुल गांधी और उनकी पार्टी को सावरकर के परिवार और उनके पूरे गांव का विरोध देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए गांधी परिवार का घेराव किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पंडि नेहरू सिर्फ एक महिला के लिए भारत का विभाजन करने के लिए सहमत हुए थे. उन्होंने कहा कि नेहरू ने 12 सालों तक भारत की गुप्त जानकारियां अंग्रेजों को दी थी.
महाराष्ट्र टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रंजीत सावरकर ने अपील की है कि पंडित नेहरू और एडविना के बीच हुए पत्राचार को अंग्रेजों से मांगा जाए और उन्हें सार्वजनिक किया जाए ताकि इस बात का खुलासा हो सके कि जिन्हें पूरा देश चाचा कहता था वो कैसे देश को धोखा दे रहे थे. उनका दावा है कि एडविना की राय के बाद ही नेहरू भारत के विभाजन के लिए सहमत हुए थे.
सावरकर के पैतृक गांव के लोगों ने राहुल की टिप्पणी पर विरोध जताया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हिंदुत्व विचारक और स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर पर टिप्पणी के विरोध में सावरकर की जन्मस्थली नासिक के भगूर में लोगों ने शुक्रवार को बाजार बंद रखा. कांग्रेस नेता की टिप्पणी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आह्वान पर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान शुक्रवार को दिन भर बंद रहे. बालासाहेबांची शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी बंद का समर्थन किया. भाजपा की देओलाली कैंप-भगूर इकाई के मंडल अध्यक्ष प्रसाद अडके ने कहा, ‘‘राहुल गांधी स्वातंत्र्यवीर सावरकर का अपमान करते रहे हैं और उन्हें माफी मांगनी चाहिए। हम गांधी परिवार के किसी भी सदस्य को भगूर में तब तक प्रवेश नहीं करने देंगे जब तक वह (राहुल गांधी) माफी नहीं मांग लेते.’’
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क्या कहा था राहुल गांधी ने
अकोला जिले के वाडेगांव में गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था.