पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ा है। इससे सबसे अधिक प्रभावित होने वाला राज्य महाराष्ट्र है। पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में वैक्सीन की अत्यधिक कमी की खबरें सामने आई हैं। कई वैक्सीन सेंटरों में वैक्सीन खत्म होने का बोर्ड लगाना पड़ा है। इन राज्यों के सरकारों का आरोप है कि केंद्र सरकार वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही है। इन मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को सही तरह से वैक्सीन उपलब्ध क्यों नहीं करवाया जा रहा, इस सवाल पर आज तक न्यूज चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘हम राज्य स्तर पर वैक्सीन की उपलब्ध करवा रहे हैं। वैक्सीन को वैक्सीन सेंटर्स तक पहुंचाना राज्य की जिम्मेदारी है। अगर किसी राज्य ने वैक्सीन वितरण के लिए सही तरह से तैयारी नहीं की और इस वजह से वैक्सीन बर्बाद हो जा रही हैं। तो यह राज्य सरकार की नाकामी है। वैक्सीन वितरण में हमने कोई राजनीति नहीं की।’
जैसे पुणे को वैक्सीन भेजी, वैसे मुंबई में भी भेजिए- संजय राऊत
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की टिप्पणी का जवाब देते हुए रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। पुणे में वैक्सीन की जरूरत थी तो आई ना, मुंबई में भी भेजिए। दरअसल संजय राऊत का इशारा इस ओर था कि पुणे में मेयर भाजपा के हैं। आगे संजय राऊत ने किसान नेता राजू शेट्टी की चेतावनी को याद दिलाते हुए कहा कि पूरी दुनिया को वैक्सीन पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट से भेजी जा रही है। लेकिन महाराष्ट्र के लोगों के लिए ही वैक्सीन नहीं है। राजू शेट्टी ने कहा है कि अगर एक हफ्ते में महाराष्ट्र के लोगों को वैक्सीन नहीं मिली तो वे एक भी ट्रक पुणे से बाहर नहीं जाने देंगे। अगर वे अपनी चेतावनी को अमल में ले आए तो सोचिए कैसी परिस्थिति पैदा हो जाएगी।
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में हो रही है राजनीति- डॉ. हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘कोवैक्सीन को लेकर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में राजनीति हो रही है। छत्तीसगड़ को हमने जनवरी में ही वैक्सीन उपलब्ध करवा दी थीं। लेकिन उन्होंने तीन महीने तक वैक्सीनेशन की शुरुआत ही नहीं की। दो बार मैंने वहां के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा। इसके बाद मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा। लेकिन 3 महीने तक सिर्फ राजनीति शुरू थी। मार्च के आखिर से वहां वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू हुआ।’
केंद्र सरकार स्वार्थी भूमिका निभा रही- संजय राऊत
लेकिन संजय राऊत का कहना है कि जिन राज्यों को वैक्सीन चाहिए, जितनी चाहिए उतनी मिलनी चाहिए। सिर्फ गुजरात ही आपका नहीं है, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड भी आपके ही हैं। पूरे देश का ख्याल कीजिए, सिर्फ गुजरात का नहीं। केंद्र लगातार स्वार्थी भूमिका निभा रहा है। संकट की घड़ी में राजनीति किसी को भी शोभा नहीं देती, ना हमको ना विपक्ष को। मिलकर राह तलाशनी होगी।
‘महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा वैक्सीन दी’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री इस सवाल को सिरे से नकारते हैं कि महाराष्ट्र को वैक्सीन उचित मात्रा में उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। हर्षवर्धन का कहना है कि आज तक अगर किसी राज्य को सबसे ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई तो वो राज्य महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान ये तीन ऐसे राज्य हैं जिन्हें 1 करोड़ से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाने में आबादी के आधार नहीं माना जा सकता। इस हिसाब से तो फिर सबसे ज्यादा वैक्सीन उत्तर प्रदेश को भेजी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में वैक्सीनेशन अमेरिका से भी अधिक तेज गति से हो रहा है। अब तक भारत में 9 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है और 10 दिनों के अंदर ही तीसरी वैक्सीन ‘स्पुतनिक’ को भी भारत में लगाने की अनुमति दे दी जाएगी। अमेरिकी मॉडर्ना’ वैक्सीन निर्माताओं से जब हमने कहा कि उन्हें भारत में भी ट्रायल करना होगा तो उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया। ‘फाइजर’ वैक्सीन कंपनी वालों ने तो भारत सरकार से अनुमति ही नहीं मांगी।
महाराष्ट्र में कंप्लीट लॉकडाउन के विरोध पर बोले राऊत
यह तो स्पष्ट है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोरोना के नियंत्रण के लिए राज्य में कंप्लीट लॉकडाउन लगाने का मन बना चुके हैं। लेकिन देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि कंप्लीट लॉकडाउन से महाराष्ट्र के गरीबों की कमर टूट जाएगी। उन्हें पहले आर्थिक मदद पहुंचाई जाए, तब लॉकडाउन पर बात होनी चाहिए। इस पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि देश और राज्य की परिस्थिति गंभीर है। हाथ से बाहर गई है। ऐसा नहीं है कि विपक्ष के नेताओं को कोरोना नहीं होगा। निर्णय लेने का वक्त है। देश भर में प्रतिबंध लगाने की स्थिति पैदा हो गई है।
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उन्होंने आगे कहा कि हमें मालूम है कि लॉकडाउन लोगों को मान्य नहीं, लेकिन विकल्प क्या है? विकल्प बताएं। पूरी दुनिया में लॉकडाउन ही एक विकल्प सामने आया है। राज्य के मुख्यमंत्री ने सभी दलों के नेताओं से बातचीत की है और स्पष्ट संकेत दिया है कि लॉकडाउन आवश्यक है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया तो फडणवीस की भूमिका क्या होगी?।