देश को अपनी जद में ले चुके कोरोना वायरस की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि इस बुरी परिस्थिति ने निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लगातार प्रयत्नशील है। इसी क्रम में आरबीआई ने शुक्रवार को मौद्रिक समीक्षा का ऐलान किया है। इस मौद्रिक समीक्षा को लेकर आरबीआई गवर्नर ने अनुमान जताते हुए ऐलान किया है कि चालू वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ 9.5 प्रतिशत तक हो जाएगा। इसके अलावा आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। इसके पहले जीडीपी ग्रोथ 10.5 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया था।
जीडीपी ग्रोथ के अलावा आरबीआई गवर्नर ने दी बड़ी जानकारी
मीडिया से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था का एक सामान्य दृष्टिकोण दिया और दूसरी लहर के मद्देनजर अतिरिक्त तरलता उपायों के साथ विकास का समर्थन करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि संपर्क-गहन क्षेत्रों पर महामारी की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए 31 मार्च 2022 तक 15,000 करोड़ रुपये की एक अलग तरलता विंडो खोली जा रही है। इस योजना के तहत, बैंक, होटल, रेस्टोरेंट, पर्यटन, ट्रैवल ऑपरेटरों, विमानन और सहायक सेवाओं, बस ऑपरेटरों आदि को नए सिरे से ऋण सहायता प्रदान की जा सकती है। साथ ही इस तरह की अन्य उधार गतिविधियों के लिए बैंकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
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आरबीआई गवर्नर दास ने आगे कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की उधार आवश्यकता को और समर्थन देने के लिए 16 हजार करोड़ की एक अन्य विशेष तरलता विंडो के विस्तार का निर्णय लिया गया है। वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समिति में सर्वसम्मति से रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बनाए रखा। जिससे प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।