रामायण सांस्कृतिक केंद्र : भारत का नया पर्यटन स्थल और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक

रामायण सांस्कृतिक केंद्र, जो लखनऊ से दूर कोराडी मंदिर परिसर में स्थित है, देश के सबसे नए और सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्रों में से एक बनकर उभर रहा है। इस केंद्र को चन्द्रशेखर बावनकुले के नेतृत्व में स्थापित किया गया था, जो रामायण की शिक्षाओं को नई पीढ़ी के लिए प्रासंगिक और जीवंत बनाने के लिए प्रेरित हुए थे।

केंद्र का उद्देश्य न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवित करना है, बल्कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय विकास को भी सहायता प्रदान करने का काम कर रहा है। यहां आगंतुक रामायण की गहरी शिक्षाओं और भारतीय संस्कृति के सिद्धांतों को आधुनिक तकनीक, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं के माध्यम से समझ सकते हैं।

रामायण सांस्कृतिक केंद्र को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उद्घाटन किया गया था, और यह राम मंदिर के उद्घाटन के साथ भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान की भावना को आगे बढ़ाता है। इसके इमर्सिव डिजिटल डिस्प्ले, ऐतिहासिक कलाकृतियां और शैक्षिक रिसर्च के लिए समर्पित स्थान इसे एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव बनाते हैं।

यह केंद्र न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनाने का एक प्रयास है।