केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस पार्टी अब मोदी सरकार को संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह घेरने में जुट गई है। इस क्रम में संसद भवन परिसर में धरना देने के बाद राहुल गांधी ने पत्रकारवार्ता कर केंद्र पर किसानों के प्रति क्रूरता का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने किसान संगठऩों से अपील की है कि वे डरे नहीं और एक भी इंच पीछे नहीं हटें। कांग्रेस पार्टी उनके साथ है और रहेगी।
राहुल गांधी ने किसानों से की अपील
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों से बात कर उनकी समस्या का समाधान खोजने के बजाय सरकार उन्हें डराने में लगी है। मोदी सरकार को लगता है कि पुलिस की लाठी के जोर पर वो किसानों को भगा देगी तो वो गलत है। किसान अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हैं औऱ उनकी इस लड़ाई में कांग्रेस पूरी तरह से उनके साथ है। उन्होंने किसान प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए कहा कि वो एक इंच पीछे नहीं हटें, हम सभी उनके साथ हैं।
उन्होंने कहा कि ये देश की आवाज़ है, जिसे प्रधानमंत्री और सरकार को सुनना पड़ेगा। अगर नहीं सुनेंगे तो ये और फैलेगा, इसे दबाया नहीं जा सकता।
गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर कैसे प्रदर्शनकारी लाल किला पहुंचे? गृहमंत्री बताएं कि किसने उन्हें लाल किला जाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश सरकार को बंद कर देनी चाहिए और किसानों से बात कर समाधान खोजने पर ध्यान देना चाहिए लेकिन हल तलाशने की बजाय सरकार किसानों को मार रही है। किसानों को मारकर सरकार देश को कमजोर कर रही है।
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कांग्रेस नेता ने कृषि कानूनों के तीन प्रमुख नुकसान भी गिनाए। उन्होंने कहा कि पहला नुकसान यह है कि इन कानूनों से बाज़ार प्रणाली और मंडी सिस्टम को खत्म होगा। दूसरा, इसके चलते देश के 3-4 बड़े बिजनेसमैन असीमित अनाज भंडारण कर सकेंगे, जिससे किसान ही प्रभावित होंगे। जबकि तीसरा यह कि ये कानून किसानों को कोर्ट का रास्ता अख्तियार करने का हक नहीं देता है।