पाकिस्तान ने उठाया किसान आंदोलन का मुद्दा, जो बाइडेन से की बड़ी मांग

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से चल रहे किसान आंदोलन का मामला अब पाकिस्तान तक पहुंच गया है। दरअसल, पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने नापाक इरादों को दिखाते हुए भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है। दरअसल, पाकिस्तान ने बीते दिनों गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई ट्रैक्टर रैली हिंसा की तारीफ़ भी की है।

पाकिस्तान ने की ट्रैक्टर रैली हिंसा की तारीफ़

दरअसल, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित पार्लियामेंट्री हाउस में विदेश मामलों की संसदीय समिति की एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता मुशैद हुसैन सैय्यद ने की। इस बैठक में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे। इस समिति ने दिल्ली हुई ट्रैक्टर रैली हिंसा की सराहना की और संघर्षरत सिख किसानों के साथ एकजुटता जाहिर की। समिति ने सरकार से कहा है कि वो भारत की तरफ से हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सामने उठाए।

पाकिस्तान के विदेश मामलों की संसदीय समिति ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार सुनिश्चित करे कि आरएसएस जो भारत सरकार में अतिवाद की जड़ है, उसे हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया जाए। पाकिस्तान की समिति ने कहा कि 26 जनवरी मोदी सरकार के अत्याचारों का प्रतिरोध कर रहे लोगों के लिए ब्लैक डे था और अब उसे आगे आने वाली घटनाओं का अंदेशा हो जाना चाहिए।

पाकिस्तान की समिति ने कहा कि नई दिल्ली में लाल किले पर सिख किसानों ने अपना पवित्र झंडा फहराया और उनके प्रतिरोध का जरिया एक पाकिस्तानी गाना है। ये समिति सभी सिख किसानों के साथ है। समिति ने कहा कि आरएसएस के अतिवाद के हाथों जिन किसानों और अन्य समुदाय के लोगों की जानें गई हैं, उनके परिवारों के प्रति हम अपनी संवेदना जाहिर करते हैं।

समिति ने कहा कि भारत में साल 2019 में 10,000 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की और कई मुस्लिमों को उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया। हम चाहते हैं कि सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के इन गंभीर मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, यूरोपीय संसद, यूरोपीय यूनियन की कोर्ट और अमेरिका की बाइडेन सरकार के सामने उठाए।

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बैठक के अंत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने एक डोजियर समिति को सौंपा जिसमें भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का फर्जी आरोप लगाया गया। यही नहीं, पाकिस्तान ने खुद को आतंकवाद से पीड़ित देश करार दिया है।