उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी मिली स्कॉर्पियो के मामले को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र से सियासी गलियारों का माहौल खासा गर्म कर दिया है। अब इस मामले की गूंज संसद भवन तक पहुंच गई है। दरअसल, राज्यसभा में सोमवार को एंटीलिया मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग को जमकर हंगामा हुआ जिस कारण बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
महाराष्ट्र सरकार पर मंडराया खतरा
संसद के दोनों सदनों में सोमवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त के पत्र को लेकर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा सांसदों ने दोनों सदनों में महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। राज्यसभा में इस मुद्दे पर हुए हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि राज्य के गृहमंत्री वसूली कर रहे हैं और ये सारा देश देख रहा है। उनके इतना कहते ही शिवसेना और अन्य विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर भाजपा सदस्यों ने भी राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
उधर, लोकसभा में भाजपा के राकेश सिंह ने इस मसले को उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने पूरे मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि हैरत की बात है कि एक मुख्यमंत्री ने एक सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) के पक्ष में प्रेस कांफ्रेंस की और उसी को सौ करोड़ की वसूली का लक्ष्य दिया गया था।
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वहीं, महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा ने सवाल उठाया कि आखिर क्या कारण था कि सचिन वजे 16 साल तक निलंबित रहे। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने सहयोगी दल की सिफारिश के बाद भी बहाल नहीं किया और मौजूदा महाविकास अघाड़ी सरकार ने सत्ता में आते ही वजे को बहाल कर दिया।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर गृह मंत्री अनिल देशमुख की शिकायत की थी। उन्होंने कहा है कि एपीआई अनिल वजे ने उन्हें बताया था कि देशमुख ने उनको सौ करोड़ की वसूली का लक्ष्य दिया था।