इंडियन रेलवे ने साल 2020 में 7 अगस्त को पहली किसान रेल की शुरुआत की थी। तब से अब तक सिर्फ 5 महीने में अन्दर अब 100वीं किसान रेल पटरी पर उतरने जा रही है। जिसे आज पीएम मोदी हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। आइये जानते है क्या यह किसान रेल क्यों इतनी महत्वपूर्ण है और इन ट्रेनों में क्या खासियत है?

कहां से कहां तक के लिए रवाना होगी 100वीं किसान रेल
बता दें कि 100वीं किसान रेल आज शाम 4:30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा रवाना की जाएगी। यह किसान ट्रेन महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार तक के लिए चलाई जाएगी।
2132 किमी की दूरी यह ट्रेन 40 घंटे से कम समय में तय करेगी। इस ट्रेन के द्वारा संगोला के अनार, नागपुर के संतरे तथा जेउर, बेलवंडी, कोपरगांव के खरबूजा पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इस ट्रेन से फलों-सब्जियों जैसे चीजें जो जल्दी खराब हो जाते हैं, उनकी ढुलाई की जाती है
ढुलाई में किसानों को मिलेगी 50% छूट
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सब्जियों व फलों को किसान रेल द्वारा ट्रांसपोर्ट करने में सब्सिडी को 50% कर दिया गया है। रेल मंत्रालय ने भी अक्टूबर में ऐलान किया था कि किसान रेल में फल-सब्जियों की ढुलाई में 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को ट्रांसपोर्ट करने में दी जाने वाली यह सब्सिडी ऑपरेशन ग्रीन-टॉप टू टोटल योजना के तहत दी जा रही है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने पायलट आधार पर छह महीने के लिए ऑपरेशन ग्रीन योजना का विस्तार कर टमाटर, प्याज और आलू (टॉप) से लेकर सभी फल एवं सब्जियों (टोटल) को इसके दायरे में लाने की घोषणा की थी।
पहली किसान रेल महाराष्ट्र से बिहार तक चली
ऐसी पहली ट्रेन इस साल 7 अगस्त को महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चली थी। यह ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से बिहार के दानापुर स्टेशन तक जाती है। यह अपनी यात्रा में करीब 32 घंटे लगाती है। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के इसकी शुरुआत की थी।
क्या है ख़ास इन किसान रेल में
किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है। इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है। इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होते हैं। मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होता है, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क आदि रख सकते हैं।
यह भी पढ़ें: जन्मदिन स्पेशल: भारत और चीन की वजह से अधूरी रह गई रतन टाटा की लव स्टोरी….
इससे सब्जियों, फलों, मांस, मछली और दूध जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को इनके पैदावार वाले इलाकों से उन इलाकों में पहुंचाया जाएगा जहां इनका अच्छा बाजार है।
बजट में हुआ था ऐलान
दरअसल, केंद्र से साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट भाषण के दौरान ऐलान किया था कि किसान फल-सब्जी देश के उन शहरों में बेच सकते हैं, जहां उन्हें उसकी अच्छी कीमत मिलेगी। इसके लिए किसान रेल चलाई जाएगी। इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) योजना के तहत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी।
सबसे पहले ममता बनर्जी ने रखा था प्रस्ताव
एयरकंडीशनिंग की सुविधा के साथ फल एवं सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine