सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ज्ञानव्यापी मस्जिद को लेकर एक और याचिका दायर हुई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के एक आदेश को चुनौती देते हुए यह अपील दायर की गई है। हाईकोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद में मिली संरचना की प्रकृति का अध्ययन कराने के लिए किसी न्यायाधीश के अधीन एक समिति या आयोग को नियुक्त करने की मांग की गई थी।
सात भक्तों की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल अपील में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना की प्रकृति का पता लगाने के लिए सर्वोच्च अदालत से निर्देश देने की गुहार लगाई गई है। शीर्ष अदालत में अपील दाखिल अपील में कहा गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका को खारिज करने में गलती की है। मस्जिद के भीतर विवादित संरचना के उभरने के बाद उसकी प्रकृति का पता लगाना एएसआई का कर्तव्य था।
याचिका (PIL in Supreme Cour) में कहा गया है कि चूंकि उक्त संरचना के उभरने के बाद उसकी प्रकृति का पता नहीं लगाया गया था, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) का रुख किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने प्रतिवादियों से जवाब मांगे बिना और राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए कमजोर साक्ष्यों दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए याचिका को गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया था।
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शीर्ष अदालत ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की ओर से दायर एक अपील को सीज कर चुकी है। इस अपील में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें अदालत की ओर से नियुक्त आयुक्त को ज्ञानवापी मस्जिद का निरीक्षण, सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी गई थी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा से जुड़े मामले को सिविल जज से जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।