प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की सरकार जबसे सत्ता में आई है उसके बाद देश में प्रति व्यक्ति आय यानि पर कैपिटा इनकम में लगभग दो गुने की वृद्धि हुई है। लेकिन जिस तरह से लोगों की आय में भारी असमानता है वह एक बड़ी चुनौती है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस के आंकड़े के अनुसार करेंट प्राइस पर नेट नेशनल इनकम 2022-23 में 172000 रुपए हो गई है, जोकि तकरीबन 99 फीसदी की बढ़ोत्तरी को दिखा रहा है। 2014-15 में यह 86647 रुपए था। हालांकि अगर इसमे महंगाई के आंकड़े को जोड़े तो प्रति व्यक्ति आय में तकरीबन 35 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, यानि इस लिहाज से 2014-15 में प्रति व्यक्ति आय 72805 रुपए थी, जोकि 2022-23 में 98118 रुपए है।
आय में असमानता बड़ी चुनौती
अर्थशास्त्री जयंति घोष का कहना है कि आप जीडीपी को मौजूदा दर पर देख रहे हैं, लेकिन अगर आप महंगाई को इसमे जोड़े तो प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी काफी कम है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में असमानता एक बड़ी चुनौती है। अधिकतर प्रति व्यक्ति आय में जो बढ़ोत्तरी हुई है वह सिर्फ 10 फीसदी आबाद तक ही पहुंची है। लेकिन मध्यम वर्ग के लोगों तक यह सही मायनों में नहीं पहुंची है। एनएसओ के आंकड़े के अनुसार पर कैपिटा इनकम वास्तविक और औपचारिक दोनों ही मायनों में कोरोना काल में घटी है। हालांकि 2021-22 और 2022-23 में इसे कुछ हद तक सुधार देखने को मिली है।
क्षेत्रीय स्तर पर समान विकास की जरूरत
एनआईपीएफपी की पूर्व डायरेक्टर पिंकी चक्रबर्ती ने कहा कि वर्ल्ड डेवलपमेंट इंडिकेटर डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति आय में 2014 से 2019 के दौरान वार्षिक दर पर औसतन 5.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। यह काफी महत्वपूर्ण है, हमने स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सुधार देखा है। लेकिन कोविड का इसपर काफी बुरा असर हुआ। लेकिन कोरोना के बाद हमने अर्थव्यवस्था में जबरदस्त बढ़ोत्तरी को देखा। प्रति व्यक्ति आय में 5-6 फीसदी की वार्षिय बढ़ोत्तरी देखने को मिली। क्षेत्रीय स्तर पर अगर समान विकास देखने को मिलता है तो अधिक विकास की संभावनाएं बनेंगी।
यह भी पढ़ें: कभी हिंदू था एनकाउंटर में मारा गया उस्मान, अतीक ने बना दिया था मुसलमान
गरीबों के लिए योजनाओं से मिला लाभ
मोदी सरकार की ओर से गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लोगों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया गया, जिन्हें इसकी जरूरत थी। जनधन योजना, मुद्रा लोन योजना, फूड गारंटी योजना इसमे काफी अहम रही है। आईएसआईडी के डायरेक्टर नागेश कुमार ने कहा कि असल तौर पर प्रति व्यक्ति आय देस में विकास और समृद्धि को दर्शाती है। यहां यह ध्यान देना चाहिए की प्रति व्यक्ति आय भारतीयों की औसत आय को दिखाती है।