पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से ED लगातार पड़ताल कर रही है. आज दोनों को कोलकाता में ESI अस्पताल मेडिकल चेकअप के लिए जाया गया. इस दौरान ईडी सूत्रों ने बताया कि कल कुछ समय के लिए पार्थो और अर्पिता को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई थी. यहां पार्थ चटर्जी ने अर्पिता को पहचानने से ही इनकार कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, पार्थ चटर्जी ने ईडी को कहा के नकतला के पूजा में अर्पिता को देखा था. इसके अलावा अर्पिता के साथ उनका कोई संबंध नहीं है.
बताते चलें कि पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. उससे पहले उनकी सहयोगी मुखर्जी के अपार्टमेंट से करोड़ों रूपये नकद, सोना एवं संपत्ति के दस्तावेज मिले थे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार मुखर्जी के दो फ्लैटों से 49.80 करोड़ रूपये नकद मिले थे.
चीन को लेकर भारत की ‘मनमोहन सिंह वाली नीति’? ताइवान पर अभी तक क्यों नहीं आया बयान, जानिए
जांच कर रहे अधिकारियों का दावा है कि चटर्जी और मुखर्जी मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त पाये गये क्योंकि वे सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में सहायक शिक्षकों के पदों पर अवैध रूप से भर्ती की आपराधिक साजिश में संलिप्त थे. स्कूल सेवा आयोग के भर्ती अभियान में कथित अनियमितताएं तब हुईं जब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे.