कोलकाता की एक विशेष अदालत ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हिरासत की अवधि को दो दिन और बढ़ा दिया है। जिसके बाद अब दोनों पांच अगस्त तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान ईडी के वकीलों ने दोनों की हिरासत अवधि को बढ़ाने की मांग की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट के पेशी के दौरान ईडी के वकीलों ने पार्थ चटर्जी की चार दिन और अर्पिता की तीन दिन कि हिरासत की मांग की थी। दूसरी ओर से विपक्षी वकीलों ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों को 5 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। करोड़ों रुपये के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ईडी ने चटर्जी और मुखर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद कोर्ट ने 10 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। आज हिरासत की अवधि समाप्त हो रही थी।
घोटाले के समय राज्य के शिक्षामंत्री ते चटर्जी
चटर्जी गिरफ्तारी के समय पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री थे, जबकि कथित घोटाले के समय राज्य के शिक्षामंत्री थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया था। सोमवार को ईडी के एक अधिकारी ने कहा था कि पार्थ चटर्जी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चटर्जी ने कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में ईडी के ज्यादातर सवालों का जवाब नहीं दिया है।
पूछताछ के दौरान ज्यादातर वक्त चुप रहे चटर्जी
ईडी अधिकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस से निलंबित किए गए नेता चटर्जी पूछताछ के दौरान ज्यादातर वक्त चुप रहे। चटर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि वह साजिश का शिकार हुए हैं। उन्होंने खुद को निलंबित करने के टीएमसी के फैसले पर नाखुशी भी जताई थी। ईडी के अधिकारी ने कहा आगे कहा था कि चर्टजी अक्सर थकावट की शिकायत करते हैं और हमारे सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं। हमने चटर्जी से उनके दावों के बारे में पूछा था कि छापे में बरामद नकदी उनकी नहीं है। हम इस धन के स्रोत के बारे में पता लगा रहे हैं।