पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर अपनों के हाथों ‘बेइज्जती’ का सामना करना पड़ रहा है। इमरान ने पाक राजनयिकों को सरेआम फटकार लगाई थी, जिसके बाद कई राजनयिकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां तक कि उन्होंने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और विदेश सचिव से भी इस बर्ताव के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई है। यही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है।
बीते महीने इमरान खान ने अपने राजनयिकों के खिलाफ शिकायत के बाद उन्हें सऊदी अरब से वापस बुला लिया था। पाकिस्तानी नागरिकों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। बुधवार को पाक पीएम ने इस संबंध में बैठक भी बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने राजदूतों को जमकर फटकार लगाई। पाकिस्तानी दूतावास के लोगों को उनके गैर जिम्मेदाराना रवैये पर खूब खरी-खोटी सुनाई।
रिश्वत ले रहे राजदूत
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में राजनयिकों से कहा कि सऊदी अरब और UAE के दूतावास से मिली जानकारी बहुत ही परेशान करने वाली है। लोगों की मदद के बजाय दूतावास के कर्मचारी रिश्वत ले रहे हैं। गरीबों की मदद न करने की जानकारी से वह हैरान हैं। विदेशों में रह रहे लोगों ने सिटीजन पोर्टल पर काफी शिकायतें भेजी हैं।
विदेशी राजनयिकों को नागवार गुजरी आलोचना
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने जिस कड़े लहजे में सार्वजनिक मंच पर बात कही, वो विदेशी कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों को नागवार गुजरी है। उन्होंने एक के बाद एक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और विदेश सचिव से शिकायत की। इमरान खान ने भारतीय राजदूतों की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि वह अपने देश के लिए निवेश जुटाते हैं।
सोशल मीडिया पर निकाली जमकर भड़ास
यहां तक कि कई राजनयिकों और मंत्रालय के पूर्व कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर भी अपने प्रधानमंत्री की आलोचना की। पूर्व विदेश सचिव तहमीना जुनेजा ने ट्विटर पर कहा, ‘विदेश मंत्रालय की गैर जरूरी आलोचना निराश करने वाली है। लग रहा है कि सरकार के पास दूतावासों के काम की जानकारी नहीं है। दूतावास में स्टाफ की कमी है। इसके अलावा ऐसे भी कई विभाग हैं, जो दूतावास के दायरे से बाहर हैं।’ उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मानसिकता औपनिवेशिक है? ये सोचना भी सच्चाई से कोसो दूर है।
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आलोचना के बजाय सराहना की जरूरत
पाकिस्तान के एक अन्य विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने कहा, ‘हमें कूटनीतिक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इस समय आलोचना के बजाय सराहना की जरूरत है। संसाधनों को बढ़ाने की जरूरत है। अभी मुश्किल समय है और सामंजस्य बैठाने की जरूरत है।’ विपक्ष ने भी इमरान खान की आलोचना की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की वरिष्ठ नेता और अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत रहीं शेरी रहमान ने कहा, ‘विदेश सेवा खुद से निवेश नहीं जुटा सकती। यह सही है कि वह कुछ मिशन में बेहतर सेवा देकर मदद कर सकती हैं, लेकिन यह बात इस तरीके से कहना गलत है। दूतावास के कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं और उन्हें हताश नहीं किया जाना चाहिए।’