कुछ महीनों बाद पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव ने सूबे के सियासी बाजार में होने वाले हलचल में इजाफा ला दिया है। इस सियासी बाजार में सभी राजनीतिक दल अपना-अपना वोट बैंक मजबूत करने की कवायद में जुटे हैं। इसी क्रम में AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल में एक ऐसा कदम बढ़ाया है, जिससे सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई देने लगी है।
ओवैसी के इस कदम ने बढ़ाई ममता बनर्जी की टेंशन
दरअसल, ओवैसी ने बीते रविवार को ऐसे मुस्लिम धर्मगुरु से हाथ मिलाया जिसे ममता बनर्जी के सिर पर सजे मुख्यमंत्री पद के ताज का जिम्मेदार माना जाता है। हम बात कर रहे हैं मुस्लिम धर्मगुरु को जंगीपाड़ा के फुरफुरा शरीफ के मौलाना पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की, जिनकी वजह से ममता बनर्जी आजकल चिंता में डूबी नजर आ रही हैं।
बताया जाता है कि ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाने में मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना अब्बास सिद्दीकी का बहुत बड़ा हाथ था। अब्बास सिद्दीकी वही मुस्लिम धर्मगुरु हैं जिन्होंने सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इन्हीं की बदौलत ममता की पहुंच सीएम की कुर्सी तक हो सकी थी।
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मौलाना अब्बास सिद्दीकी अपने विवादित और भड़काऊ बयानों की वजह से भी सुर्ख़ियों में रह चुके हैं। मौलाना अब्बास सिद्दीकी ने CAA आंदोलन के दौरान मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके अलावा यह वही मुस्लिम धर्मगुरु हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान कोरोना से 50 करोड़ भारतीयों की मौत की ख्वाहिश की थी।