पुणे के पिंपरी के थेरगांव में बने एक मस्जिद-मदरसे पर बीते सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर चला है। प्रशासन का कहना यह मदरसा अवैध था, जिसे देर रात पुलिस की कड़ी निगरानी में तोड़ा गया। हालांकि इस बुलडोजर एक्शन को लेकर वहां के स्थानीय मुस्लिमों में खासा गुस्सा देखा जा रहा है।
उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस विध्वंस को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाया। आपको बता दें कि पुणे के पिंपरी के थेरगांव में स्थित यह मदरसा पिछले 25 सालों से अस्तित्व में है।
असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मस्जिद को कथित तौर पर निशाना बनाकर गिराए जाने पर सवाल किया। हैदराबाद के सांसद ने एक्स के माध्यम से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सवाल पूछते हुए कहा कि सिर्फ़ मस्जिद के लिए यह भेदभाव क्यों, उन घरों के बारे में क्या जिनके लिए अनुमति नहीं है। दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों ने सिर्फ़ मस्जिद गिराए जाने के लिए शिकायत की है।
दारुल उलूम जामिया इनामिया के ट्रस्टी कारी इकबाल उस्मानी ने बताया कि यह मदरसा 2001 में बनाया गया था और 2002 में हमने अपनी ही जमीन पर एक और हाल बनाया था। उस समय सिर्फ चारदीवारी के ऊपर तिरपाल डाले हुए थे, लेकिन बच्चों को गर्मी और बारिश से बचाने के लिए हमने इसे पक्का बना दिया।
उन्होंने बताया कि हमने कॉरपोरेशन को यह भी कहा था कि इसे लीगल करने के लिए जो भी जरूरत है, वह हम सब कुछ करेंगे, लेकिन अचानक कल नगर निगम के लोग पुलिस के साथ आए और हमसे कहा कि जो अवैध हिस्सा है उसको आप अपने हिसाब से तोड़ दीजिए।
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वह कहते हैं कि आज सुबह तकरीबन 4:00 बजे हमारे लोग अपने हाथों से उस हिस्से को तोड़ रहे थे, तो अचानक पीछे से दो जेसीबी आई और पूरे मदसरे को उन्होंने तोड़ दिया। हालांकि नगर निगम के प्रवक्ता इन आरोपों से इनकार करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने मदरसे के अवैध हिस्से के खिलाफ कार्रवाई की है।’ इस वर्ष जून में पिंपरी-चिंचवाड़ा स्थित मस्जिद-सह-मदरसा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। क्षेत्र के निवासियों ने मदरसे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, हालांकि नगर निगम के अधिकारियों ने अब मदरसे को ध्वस्त कर दिया है।