ऑनलाईन शौर्य जागरण कार्यक्रम संपन्न, महिलाओं को दी जाएगा स्वरक्षा की ट्रेनिंग

पूरे देश में महिलाओं पर होने वाले बलात्कार, लव जिहाद की घटनाओं की बढती संख्या को देखकर महिलाओं को आत्मनिर्भर करने हेतु विजयदशमी के शुभ अवसर सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति के तत्वाधान में ऑनलाईन शौर्य जागरण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के उपरांत सभी महिलाओं के लिए ऑनलाईन स्वरक्षा प्रशिक्षण वर्ग का आरंभ किया गया। इस वर्ग के माध्यम से महिलाओं को कराटे, लाठी, नानचाकू आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का लाभ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल के सैकडों महिलाओं ने लिया।

ऑनलाईन शौर्य जागरण कार्यक्रम में महिलाओं को दिया ये ख़ास सन्देश

आरंभ में झारखंड की अधिवक्ता सुगंधा सिन्हा ने ऑनलाईन शौर्य जागरण कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि पश्‍चिमी प्रथाओं का अंधानुकरण के कारण आज महिलाएं धर्माचरण को भूल रही हैं और लव जिहाद की बलि चढ रही है। महिलाओं को माता जीजाबाई, अहिल्य बाई होलकर एवं रानी लक्ष्मीबाई का आदर्श सामने रखकर स्वयं से सक्षम होने की आवश्यकता है।

सनातन संस्था की प्राची जुवेकर ने बताया कि स्त्रियों को स्वयं में दैवी शक्ति की जागृति करना चाहिए। इसके लिए धर्माचरण करने से आत्मबल मिलता है। इस हेतु कुमकुम लगाना, अलंकार पहनना, कुलाचार का पालन करना आदि नित्य कृति में लाना आवश्यक है। कानपुर मे केवल 21 दिन में 11 लव जिहाद की घटनाएं हुईं। इस स्थिति का गंभीरता से विचार करके महिलाओं को संघर्ष करने की स्वयं की मानसिकता बनानी चाहिए।

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ऑनलाईन शौर्य जागरण कार्यक्रम के दौरान समिति के युवा संगठक सुमित सागवेकर बताया कि महिलाओं को स्वयं को कोमल व दुर्बल मानकर हार मानने के स्थान पर देवियों तथा वीरांगनओं के शौर्य का आदर्श रखकर स्वयं में क्षात्रतेज जगाने की आवश्यकता है। विजय दशमी पर्व में जैसे प्रभु श्रीराम ने देवी मां की आराधना कर रावण पर विजय प्राप्त की, वैसे ही हमें षडरिपु पर विजय प्राप्त करना है। कार्यक्रम में समिति की महिला कार्यकर्ताओं ने निहत्ते व दंड से स्वरक्षा के प्रात्यक्षिक का प्रत्यक्ष प्रस्तुतिकरण किया।