देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद में वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद केस की एक बार फिर से सुनवाई होने जा रही है। आज 4 जुलाई को इस मामले की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में होगी। हिंदू पक्ष के वकील वी जैन का कहना है कि मुस्लिम पक्ष अपनी दलील कोर्ट में रखना जारी रखेगा। उनके अनुसार यह केस सुनवाई के योग्य ही नहीं है,लेकिन हमारा मानना है कि इस केस पर सुनवाई होनी चाहिए और इसपर बहस होना जरुरी है। हमारी मांग है कि यहां पर प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए जोकि पूर्ण रूप से कानूनी है।
इससे पहले 30 मई को जिला जज एके विश्वेष ने मामले की सुनवाई को 4 जुलाई तक के लिए टाल दिया था। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस केस में याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। मस्जिद कमेटी के वकील अभय नाथ यादव ने कोर्ट के सामने दो घंटे तक मुस्लिम पक्ष की दलील रखी। मुस्लिम पक्ष के ही वकील अखलाक अहमद ने कहा कि पांच हिंदू महिलाओं ने व्यक्तिगत क्षमता से केस दायर किया था,लिहाजा यह पूरे संप्रदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट 1991 की धारा 4 का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है क्योंकि 15 अगस्त 1947 के बाद प्रार्थना स्थल की यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है।
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माना जा रहा है कि आज कोर्ट मस्जिद के भीतर हुए सर्वे का वीडिया लीक होने वाले केस पर भी सुनवाई कर सकता है। हिंदू पक्षकारों केवकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हमारे पास कई तर्क हैं यह साबित करने के लिए इस मामले पर सुनवाई जारी रहनी चाहिए, यही नहीं हमारी प्रार्थना करने की इजाजत देने की मांग भी कानूनी है। बता दें कि इस मामले में सिविल कोर्ट में अगस्त 2021 में कुछ महिलाओं ने याचिका दायर की थी और मस्जिद की बाहरी दीवार पर बनी देवी-देवताओं की मूर्ति की पूजा करने की प्रतिदिन इजाजत मांगी थी।