एनक्यूएम की कार्यान्वयन रणनीति और समयसीमा को अंतिम रूप दिया : डॉ. अजय चौधरी

एनक्यूएम की कार्यान्वयन रणनीति और समयसीमा को अंतिम रूप दिया : डॉ. अजय चौधरी

नयी दिल्ली । डॉ. अजय चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के मिशन गवर्निंग बोर्ड (एमजीबी) की पहली बैठक में एनक्यूएम की कार्यान्वयन रणनीति और समय सीमा के साथ-साथ मिशन समन्वयन प्रकोष्ठ (एमसीसी) के गठन पर चर्चा हुई। एमसीसी को मिशन के लिए एक समन्वयन एजेंसी के रूप में स्थापित किया जाएगा और यह मिशन सचिवालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के साथ मिलकर काम करेगा।

मिशन समन्वयन प्रकोष्ठ (एमसीसी) की स्थापना योग्यता और वर्तमान बुनियादी ढांचे के आधार पर डीएसटी द्वारा पहचाने गए संस्थान में की जाएगी और यह मिशन प्रौद्योगिकी अनुसंधान परिषद (एमटीआरसी) के समग्र पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन के तत्वावधान में कार्य करेगी।

भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए मिशन गवर्निंग बोर्ड (एमजीबी) के अध्यक्ष और एचसीएल टेक्नोलॉजी के संस्थापक डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि एनक्यूएम इस क्षेत्र में छलांग लगाएगा तथा जनशक्ति और स्टार्टअप दो ऐसी प्रमुख बातें हैं जिन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर ए.के. सूद ने कहा कि मानव संसाधनों का निर्माण महत्वपूर्ण है साथ ही उन्होंने मानव क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न केन्द्रों को सशक्त बनाने का सुझाव दिया।“यहां विकसित नहीं की गई प्रणाली को आयात करने के स्थान पर अपनी प्रणाली विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के सारस्वत ने कहा कि उद्योग जगत को प्रौद्योगिकी साझा करने के साथ-साथ वित्तपोषण को भी साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने बताया कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) द्वारा क्वांटम गणना, क्वांटम संचार, क्वांटम संवेदन एवं मापन विज्ञान (क्वांटम सेंसिंग एंड मेट्रोलॉजी) और क्वांटम सामग्री तथा उपकरण में चार मिशन हब स्थापित किए जाने की सम्भावना है, जो अनिवार्य रूप से शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं और उद्योग का संघ होगा।

कार्यान्वयन की एक विस्तृत योजना डीएसटी में वरिष्ठ सलाहकार डीएसटी और सचिव विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) सचिव डॉ. अखिलेश गुप्ता, द्वारा फ्रंटियर एंड फ्यूचरिस्टिक (एफएफटी) डिवीजन प्रमुख डॉ. एकता कपूर के साथ प्रस्तुत की गई। समिति ने विस्तार से विचार-विमर्श किया और कार्यान्वयन रणनीति और समयसीमा को अंतिम रूप दिया। एमजीबी ने संघीय प्रारूप में एनक्यूएम के अंतर्गत चार प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए “पूर्व-प्रस्तावों के लिए कॉल” को भी स्वीकृति दे दी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और अध्यक्ष रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर के कामत, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर के निदेशक डॉ. रजत मूना, अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार श्री विश्वजीत सहाय, अंतरिक्ष विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, संचार विभाग तथा व्यय विभाग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कई डीएसटी अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।