नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लता मंगेशकर द्वारा गाया श्री राम रक्षा का श्लोक “माता रामो मात्पिता रामचन्द्रः” साझा किया है। यह महान गायिका द्वारा रिकॉर्ड किया गया आखिरी श्लोक था। प्रधानमंत्री ने एक एक्स पोस्ट में कहा;“जैसा कि देश बड़े उत्साह के साथ 22 जनवरी का इंतजार कर रहा है, हमें जिन लोगों की कमी खलेगी उनमें से एक हमारी प्यारी लता दीदी भी हैं। यहां उनके द्वारा गाया गया एक श्लोक दिया गया है। उनके परिवारजनों ने मुझे बताया कि यह आखिरी श्लोक था जिसे उन्होंने रिकॉर्ड किया था।
राम मंदिर के गर्भग्रह में होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता मंगेश्कर को याद किया है। स्वर कोकिला को याद करते हुए उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि पूरा देश उत्साहित होकर 22 जनवरी की प्रतिक्षा कर रहा है। जिन लोगों की कमी खलेगी उनमें हमारी प्यारी दीदी लता मंगेश्कर भी है। उनके द्वारा गाया गया श्लोक यहां शेयर कर रहा हूं। उनके परिवार ने बताया कि ये उनके द्वारा रिकॉर्ड किया गया अंतिम श्लोक था। ये लता मंगेश्कर द्वारा रिकॉर्ड किया गया अंतिम श्लोक है, जो कि श्री रामार्पण है। इस श्लोक को उन्होंने बेहद शिद्दत से गाया है, जिससे हर व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो गया है। श्री राम की भक्ति में भाव-विभोर कर देने वाले लता मंगेशकर का श्लोक पीएम मोदी के ट्विट करने के बाद देखते ही देखते वायरल हो गया है।
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार को शुरू हो गया। मंदिर न्यास के एक सदस्य और उनकी पत्नी की अगुवाई में इस दौरान कई अनुष्ठान हुये। मंगलवार से शुरू हुए अनुष्ठान नए मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ संपन्न होंगे। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, ‘‘अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा। 11 पुजारी सभी ‘देवी-देवताओं’ का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।
इस महीने की 22 तारीख तक चलने वाले अनुष्ठान में यजमान मंदिर न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा हैं। अनिल मिश्रा ने स्वयं इसकी पुष्टि की है। आमतौर पर, यजमान पूजा कार्यक्रम का मुख्य ‘मेजबान’ होता है। यजमान की ओर से ही प्रार्थना की जाती है। मिश्रा को सभी दिन अनुष्ठान में भाग लेना होगा, जिसमें 22 जनवरी का कार्यक्रम भी शामिल है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।