केंद्र सरकार ने कहा है कि उसके पास किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों और उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामलों की जानकारी नहीं है। ऐसे में किसी को वित्तीय सहायता यानी मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में लोकसभा में ये लिखित जवाब दिया है।

संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार के पास आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई आंकड़ा है और क्या सरकार उनके परिजनों को वित्तीय सहायता देने की सोच रही है? इसके जवाब में कृषि मंत्री का ये जवाब आया है। मंत्री ने ये सदन को ये भी बताया कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ 11 राउंड की बातचीत की थी लेकिन बात नहीं बनी।
उधर, किसान संगठनों का दावा है कि आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है। बता दें कि 11 दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था और किसानों से इसके लिए माफी मांगी थी।
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19 नवंबर को प्रधानमंत्री ने कहा था, “देश से माफी मांगते हुए मैं सच्चे और शुद्ध मन से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या (समर्पण) में कुछ कमी थी कि हम अपने कुछ किसान भाइयों को सच्चाई नहीं समझा सके।” उन्होंने तब प्रदर्शनकारी किसानों से घर लौटने की अपील भी की थी।
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