यूपी में कलाकारों बुद्धजीवियो को दिए जाना वाला यश भारती पुरस्कार अब नहीं दिया जायेगा। दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यश भारती पुरस्कार योजना के स्थान पर एक नए पुरस्कार को शुरू करने जा रही है।।सूबे के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इच्छानुसार यूपी सरकार की तरफ से कलाकार, समाजसेवी, संस्कृति कर्मी और बुद्धजीवियो का सम्मान करने के लिए एक नए पुरस्कार की शुरुआत की जा रही है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के योजना विभाग के द्वारा इस योजना का नाम भी निर्धारित कर लिया गया है। कलाकारों को दिया जाने वाले इस पुरस्कार को ‘राज्य संस्कृति पुरस्कार’ के नाम से जाना जाएगा। विभाग की योजना के अनुसार ये पुरस्कार कुल 25 लोगों को प्रदान किया जाया करेगा। इस योजना के तहत दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार 5 लाख रुपये का होगा, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर दिया जाएगा।
यश भारती सम्मान, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाना वाला सर्वोच्च सम्मान है। ये पुरस्कार साहित्य, समाजसेवा, पत्रकारिता, हस्तशिल्प, चिकित्सा, संस्कृति, शिक्षण, संगीत, फिल्म, विज्ञान, नाटक, खेल, उद्योग और ज्योतिष आदि के क्षेत्र में योगदान करने के लिए दिया जाता है।
बता दें कि यश भारती पुरस्कार योजना की शुरुआत की पहल साल साल 1994 में समाजवादी सरकार के दौरान सपा के मुखिया मुलायाम सिंह यादव ने की थी। पहले इस पुरस्कार की राशि एक लाख रुपये हुआ करती थी। साल 2006 में मायावती की बसपा सरकार आने के बाद इन पुरस्कारों को बंद कर दिया गया।
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साल 2012 में फिर से सपा सरकार के सत्ता में आने पर अखिलेश यादव की पहल पर ये पुरस्कार फिर से साल 2015 में शुरू किए गए। इस बार पुरस्कार की राशि बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दी गई। साथ ही साथ पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति को आजीवन 50 हज़ार रुपये पेंशन दिए जाने का भी प्रावधान किया गया। लेकिन योगी सरकार के द्वारा दिए जाने वाले नए पुरस्कारों में सबसे बड़ी राशि केवल 5 लाख रुपये की होगी, जोकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर दी जाएगी।