महोबा के माधवगंज गांव के रहने वाले अलखराम को घोड़ी चढ़ने का बेसब्री से इंतजार है। उसकी शादी 18 जून को होनी है। शादी के कार्ड भी बंट चुके हैं। लेकिन उसकी शादी के बीच एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। जिस लड़की से अलखराम की शादी होने वाली है, उसे नाबालिग बताया जा रहा है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर ‘घोड़ी चढ़ो अलखराम’ जमकर ट्रेंड कर रहा है।

वहीं अलखराम की दुल्हन की उम्र कम होने की बात प्रशासन की तरफ से भी कंफर्म कर दी गई है। अपर पुलिस कमिश्नर आरके गौतम के मुताबिक दुल्हन के नाबालिग होने की बात बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
‘दशकों से गांव में घोड़ी नहीं चढ़ा कोई दलित’
बतादें कि महोबा के माधवगंज गांव में पिछले कई दशकों से किसी भी दलित की बारात घोड़ी पर चढ़कर नहीं निकली गई है।वहीं अलखराम इस पुरानी परंपरा को तोड़कर घोड़ी चढ़ना चाहता है। इसके लिए उसने प्रशासन से भी सुरक्षा की गुहार लगाई थी। साथ ही उसने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को अपनी शादी का न्योता भेजा है। जैसे ही ये मामला सोशल मीडिया पर छाया प्रियंका ने भी अलखराम के लिए घोड़ी की व्यवस्था कराने का वादा कर दिया।
अलखराम के सपोर्ट में राजनीतिक दल
दलित अलखराम की शादी अब एक प्राइवेट सेरेमनी न रहकर बड़े सियासी अखाड़े में तब्दील हो गई है। सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाता देखकर एसी, कांग्रेस, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी उसके समर्थन में आगे आई हैं। इन पार्टियों के नात लगातार अलखराम से मिलने पहुंच रहे हैं। अलखराम ने प्रियंका गांधी को शादी का इनविटेशन भेजकर कहा है कि दीदी शादी में आएंगी तो हमें बहुत खुशी होगी। वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने राजनीति तेज कर दी है। कांग्रेस ने अलखराम के लिए हर संभव मदद का ऐलान किया है।
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दशकों पुरानी परंपरा तोड़ेगा अलखराम?
गांव में पुरानी परंपराओं के मुताबिक दलित घोड़ी नहीं चढ़ते हैं। गांव के 70 साल से ज्यादा के बुजुर्ग मुन्ना और दीनदयाल का कहना है कि उन्होंने अपने होश में किभी भी दलित को गांव में घोड़ी पर बारात निकालते नहीं देखा है। जब उनसे रोक को लेकर सवाल किया गय़ा तो उन्होंने कहा कि ऐसा आज तक हुआ ही नहीं है। यह परंपरा कब शुरू हुई उन्हें नहीं पता।
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