आगरा का नाम सुनते ही सबसे पहले ताजमहल का नाम आता है। जिसे देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पीला पड़ चुके गुंबद का काम चल रहा था जो अब पूरा होने वाला है।
6 महीनों में गुंबद पर होगा मडपैक !
पिछले कुछ सालों से ताजमहल के गुंबद पर लगातार काम चल रहा था। जिसमें सैलानियों को भी इसे देखने को नहीं मिलता था। हालांकि अब इसका काम पूरा होने जा रहा है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले 6 महीनों में इसे फिर से देखा जा सकेगा।
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का पड़ रहा असर
ताजनगरी में बढ़ते वायु व जल प्रदूषण का असर ताजमहल पर भी पड़ रहा है। संसद की पर्यावरण संबंधी स्थायी समिति ने स्मारक का निरीक्षण करने के बाद कंपोजिट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे। समिति की सिफारिश पर एएसआइ की रसायन शाखा ने पहली बार मुख्य मकबरे के प्रत्येक हिस्से पर मडपैक ट्रीटमेंट की योजना तैयार की थी।
पिछले 4 सालों से चल रहा है काम
लगभग पिछले चार वर्ष से मुख्य मकबरे पर चरणबद्ध तरीके से मडपैक किया जा रहा है। इससे पहले अब तक स्मारक की उत्तर-पूर्वी, उत्तर-पश्चिमी, दक्षिण-पश्चिमी मीनारों, मकबरे की पूर्वी, उत्तरी व पश्चिमी दीवारों पर मडपैक किया जा चुका है। मुख्य मकबरे के फ्रंट पर इन दिनों दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्केफोल्िडग बांधकर मडपैक किया जा रहा है।
पर्यटकों का रखा गया ध्यान
कोरोना के कारण सभी चीजों को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब धीरे-धीरे चीजों को खोला जा रहा है। ऐसे में गुंबद का काम पूरा होने पर आने वाले पर्यटकों को काफी सुविधा मिलेगी।