‘नमस्कार, हमारा देश और पूरा विश्व आज कोविड-19 की चुनौती का सामना कर रहा है। कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है।’ ऐसे में हमारा फर्ज है कि हम सतर्क रहे, इसीलिए जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं। ये कॉलरट्यून बीते साल में लोगों ने सबसे अधिक बार सुनी है। किसी को भी कॉल करने पर अमिताभ बच्चन की आवाज में यही ट्यून सुनाई देती है। लोगों का कहना है कि देश अब कोरोना से ज्यादा तो इस कॉलरट्यून से परेशान है।
दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में जब लॉकडाउन हुआ था तो किसी को भी फ़ोन करने पर एक आवाज सुनाई देती थी जिसमें बताया जाता था कि कोरोना से कैसे बचा जाये और इससे जुड़ी जरुरी सावधानियां क्या है। लेकिन कुछ दिन बाद से यही बात अमिताभ बच्चन की आवाज में कॉलरट्यून में सुनाई देने लगी।
अब साल खत्म होने के साथ ही लोग इससे भी छुटकारा पाना चाहते हैं। अब एक ऐसी खबर आई है जिसे पढ़कर आप भी मुस्कुराएंगे। दिल्ली हाई कोर्ट में इस कॉलरट्यून को हटाने को लेकर जनहित याचिका लगाई गई है। नहीं, नहीं, ये मजाक नहीं है बल्कि सच है। दिल्ली हाई कोर्ट में अमिताभ बच्चन की कॉलर ट्यून को हटाने के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। हालांकि ये किसने की है, अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बात की जानकारी दी…
इसे लेकर लोग तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अच्छा रहे जो ये कॉलर ट्यून हट जाए। वहीं कुछ का कहना है, यह ट्यून लोगों को सचेत करती है कि कोरोना अभी भी जारी है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि अमिताभ बच्चन इस काम के लिए सरकार से पैसा ले रहे है। जबकि देश में भुत से ऐसे कोरोना वारियर्स मौजूद है, जो कोरोनाकाल में हर तरह से आम लोगों की मदद के लिए आगे आये। कोविड-19 जागरूकता कार्यक्रम के लिए मोबाइल पर कॉलर ट्यून अगर लगानी ही है तो अमिताभ बच्चन के बजाए उन लोगों की लगे जाये जिन्होंने कोरोना काल में देश की सेवा की है।
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अगर अमिताभ के वर्क फ्रंट की बात करें तो एक्टर फिलहाल ‘केबीसी 12’ में बिजी हैं। अमिताभ हाल ही में ‘गुलाबो सिताबो’ में नजर आये थे। वहीं वह अजय देवगन की फिल्म ‘मेडे’ की शूटिंग भी कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी कई फिल्में रिलीज होने को तैयार हैं। उनकी फिल्म ‘झुंड’ बनकर तैयार है लेकिन कोर्ट के आदेश के कारण रिलीज नहीं हो पा रही है।