दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार, पेश की अपनी दलीलें

कोरोना संकट में जहां एक तरफ सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली, यूपी जैसे बड़े राज्यों के हालात कुछ और ही बयां कर रहे है। इन्हीं मामलों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को अवमानना का नोटिस भेजा था। अब केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले पर फटकार लगाते हुए ऑक्सीजन की खरीद और दिल्ली सहित राज्यों को आपूर्ति की निगरानी करने वाले अधिकारियों से आज की सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर तत्काल सुनवाई की इजाजत दे दी है।

केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट के नोटिस पर दी सफाई

बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र के खिलाफ ऐसे समय में अवमानना की कार्रवाई शुरू की है, जब केंद्र के अधिकारी इस मुद्दे पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्र की याचिका को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष भेजने का निर्देश दिया है।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को भेजा था अवमानना का नोटिस

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर आदेश का पालन नहीं किए जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को अवमानना का नोटिस जारी किया है। दिल्ली हाईकोर्ट राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सामने आ रही समस्याओं जैसे- ऑक्सीजन की कमी सहित कई मुद्दों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। कल कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए ये भी कहा था कि दिल्ली में लोग मर रहे हैं और आपको लग रहा है कि ये मजाक है। हाईकोर्ट ने कहा कि ‘आप आंख मूंद सकते हैं, लेकिन हम नहीं। ये बहुत असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। हाईकोर्ट ने एक सुझाव को स्वीकार करते हुए ये भी कहा था कि अगर महाराष्ट्र में ऑक्सीजन और टैंकरों की जरूरत कम हुई हो तो उन्हें दिल्ली भेजा जा सकता है।