जिले को कुशभवनपुर बनाये जाने का मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने भी उठा है। यह जानकारी गुरुवार को लम्भुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने दी है। उन्होंने एक देश एक विधान के साथ एक कानून की मांग करते हुए कहा अपनी कविता के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण पर कड़ा विधान बनाने की मांग की है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के दौरान जिले के लम्भुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मैंने एक स्वर में अपनी बात कही है। उन्होंने महाराजा कुश की पावन नगरी कुश भवनपुर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रथम आगमन पर उनसे भेंट वार्ता करके भव्य राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखने के लिए कुशभवनपुर की देवतुल्य जनता की तरफ से धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
बताया कि सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने का विनम्र आग्रह भी किया। साथ ही साथ जनसंख्या नियंत्रण के लिए शीघ्र कड़ा विधान बनाने के लिए उन्होंने अपनी स्वरचित जनसंख्या गीत के माध्यम से अनुरोध भी किया।
विधानसभा में भी उठा था मुद्दा
लभ्भुआ से भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवमणि द्विवेदी ने भी सदन में जिले के नाम को कुशभवनपुर करने की बात की थी। प्रस्ताव सदन में स्वीकार कर लिया गया था और लगातार तीन दिनों तक इस पर चर्चा चलती रही थी। श्री द्विवेदी का कहना है कि अयोध्या से सटे सुलतानपुर जिले को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था और इसे कुशभवनपुर नाम से जाना जाता था।
माता सीताजी यही ठहरी थीं, उनकी याद में आज भी यहां सीताकुंड घाट मौजूद है। सुलतानपुर के गजेटियर में भी इस बात का उल्लेख है कि पहले इसका नाम कुशभवनपुर ही था। लेकिन मुगल शासन काल में मुगलों ने इसका नाम बदलकर सुलतानपुर कर दिया था।
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नगर पालिकाध्यक्ष बबिता जायसवाल ने बताया कि जन आकांक्षाओं का कुशभवनपुर है। यही यहां की जनता चाहती है। जिले का नाम बदलने की तैयारी तो लगभग दो से अधिक सालों से चल रही है, लेकिन अब इसे शासन से मंजूरी मिलने की कवायद तेज हो गई है। नगरपालिका बोर्ड ने तो सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर रखने का प्रस्ताव तो 2018 में ही पास कर दिया था, लेकिन किन्हीं कारणों से ये मुद्दा अब तक रुका हुआ था। लेकिन अब विधानसभा चुनावों से पहले जिले का नाम बदलकर कुशभवनपुर रखने के कयास लगाए जा रहे हैं।