माइग्रेन के कारण सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है जिसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल है। माइग्रेन सिरदर्द तक सीमित नहीं है। ये दर्द शरीर के कुछ हिस्सों में 4 से 72 घंटों में महसूस होता है। माइग्रेन कुछ लोगों में मतली और उल्टी का कारण बनता है। माइग्रेन का दर्द होने पर कुछ लोग शोर और उच्च प्रकाश से पीड़ित होते हैं।
माइग्रेन के कारण
माइग्रेन को गर्दन के दर्द के कई कारणों से जोड़ा गया है। इसका एक कारण यह है कि माइग्रेन ट्राइजेमिनल तंत्रिका को प्रभावित करता है। यह मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो चेहरे और गर्दन के ऊपरी हिस्से में नसों को जोड़ता है। कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार, गलत मुद्रा या जोड़ों के दर्द से गर्दन की ऊपरी नसों में तनाव होता है, जिससे माइग्रेन का दर्द बढ़ जाता है।
दर्द कम करने के लिए क्या करें?
माइग्रेन पीड़ित को उन पदार्थों से बचना चाहिए जो दर्द को बढ़ा सकते हैं। खट्टे फल, शराब, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और नाइट्रेट जैसे खाद्य पदार्थों से बचा जाना चाहिए। आहार में अधिक मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल होना चाहिए। तेज गंध या रोशनी से माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है। माइग्रेन और गर्दन के दर्द के बीच संबंध की कोई सटीक जानकारी नहीं है। हालाँकि, माइग्रेन के सिरदर्द को गर्दन के दर्द का इलाज करके ठीक किया जा सकता है। माइग्रेन के दर्द को बदतर न होने दें। यदि आपको माइग्रेन की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें और उचित उपचार लें। दर्द महसूस होने पर हमेशा अपनी दवा अपने साथ रखें और तुरंत लें।
घरेलू उपचार
कुछ घरेलू उपचारों से माइग्रेन और गर्दन के दर्द से राहत मिल सकती है। दर्द शुरू होने पर तुरंत कान के ऊपर लैवेंडर का तेल लगाएं। 15 मिनट के लिए लैवेंडर का तेल सूँघने से भी आपको राहत मिलती है। एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, अदरक की चाय, मालिश, योग और स्ट्रेचिंग से माइग्रेन और गर्दन के दर्द से राहत मिलेगी।
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डॉक्टर से परामर्श कब करें?
यदि आपको नियमित दर्द है, तो इसे अनदेखा न करें। सिरदर्द, बोलने में कठिनाई, स्तब्ध हो जाना और मितली आना। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।