अभीतक उम्मीद जताई जा रही थी कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब यूपी विधानसभा चुनाव में भी दलित-मुस्लिम गठजोड़ की ताकत देखने को मिल सकती है। मतलब उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इन सभी कयासों के बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बड़ा बयान देकर इन सभी कयासों पर पूर्व विराम लगा दिया है। इसके अलावा मायावती ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है।
मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान
दरअसल, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बसपा किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी अपने दम पर सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी।
इसके अलावा मायावती ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी ऐलान किया है। अपने इस ऐलान में मायावती ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो वह सभी को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन प्रदान करेगी। इसके साथ ही मायावती ने कहा कि बसपा ने केंद्र सरकार से दिल्ली में आंदोलनरत किसानों की सभी मांगों को स्वीकार करने का आग्रह किया। केवल इतना ही नहीं, मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार से देशभर में सभी को मुफ्त में वैक्सीन प्रदान करने का अनुरोध भी किया।
आपको बता दें कि बीते वर्ष के आखिरी में हुए बिहार विधानसभा चुनाव नेब मायावती की बसपा और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में AIMIM ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सीमांचल की 12 में से 5 सीटों पर जीत हासिल की थी।
AIMIM ने बीते दिनों यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। उनके इस ऐलान के साथ ही सियासी सरजमीं पर कयासों का बाजार भी गर्म हो गया था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि बिहार के बाद यूपी में भी ओवैसी मायावती की मदद से ही राजनीतिक जमीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
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AIMIM यूपी अध्यक्ष शौकत अली ने भी अपने एक बयान से इन कयासों को बल दिया था। उन्होंने कहा था कि यूपी में ओवैसी-मायावती मिलकर ही सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने से रोक सकते हैं। इसके अलावा एसपी, बीएसपी और कांग्रेस कोई भी अकेले बीजेपी को नहीं रोक सकती है। शौकत अली ने कहा था कि यूपी में दलित और मुस्लिम दोनों समुदाय की समस्या एक जैसी ही है और आबादी भी तकरीबन बराबर है।
उन्होंने कहा था कि हमने तो पिछले चुनाव में भी बीएसपी के साथ गठबंधन करने की कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त नहीं हो पाया। बिहार चुनाव में एक पॉलिटिकल एक्सपेरिमेंट हो चुका है और सफल रहा है तो यूपी में भी उसे आजमाना चाहिए।