हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोट जिहाद का मुद्दा तब गर्म हुआ था जब मौलाना सज्जाद नोमानी के नाम से लोकप्रिय खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में उन्होंने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी को वोट देने के लिए कहा गया था।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता नोमानी ने यहां तक धमकी दी कि अगर कोई मुसलमान उनकी बात नहीं मानता और भगवा पार्टी को वोट नहीं देता तो वे उसका बहिष्कार कर देंगे।
हालांकि, चुनाव पर उनके आह्वान का कोई भी असर नहीं पड़ा और महायुति ने राज्य में जीत दर्ज की, इसलिए उन्होंने खुद का बचाव करने और अपने उस सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाले बयान पर माफ़ी मांगी है। हालांकि बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर नोमानी की इस काफी का कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने चुनाव आयोग से मौलाना सज्जाद नोमानी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
मौलाना नोमानी ने अपने बयान पर दी सफाई
एक आधिकारिक बयान जारी मौलाना नोमानी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का समर्थन करने वाले मुसलमानों का बहिष्कार करने का मेरा बयान, जो इस समय चर्चा में है, एक विशेष संदर्भ में कई लोगों की पूछताछ के जवाब में दिया गया था।इन लोगों को लोकसभा चुनाव में मतदान करने के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने से रोका गया था।
उन्होंने आगे कहा कि मेरी प्रतिक्रिया उन लोगों के लिए थी जो भारत के आम नागरिक को मतदान करने के संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने से रोक रहे थे। इसलिए, मेरे बयान को उस विशिष्ट संदर्भ से अलग करके देखना अनुचित होगा।
मौलाना ने कहा- मेरा बयान फतवा नहीं था
मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि मेरा उपरोक्त बयान महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2024 का है। यह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं था और न ही मेरा ऐसा कोई इरादा था। यह किसी तरह का फतवा भी नहीं था। हालांकि, अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपनी टिप्पणी वापस ले लेता हूं और बिना शर्त माफी माँगता हूं। चाहे वे मुसलमान हों या नहीं, मैं हमेशा उन लोगों के खिलाफ खड़ा रहा हूं जिन्होंने आम लोगों के साथ गलत किया है और न्याय और सच्चाई के लिए लड़ा हूं।
बीजेपी ने चुनाव आयोग से की कार्रवाई की मांग
इस माफी के बाद भाजपा नेता किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि माफी मांगने से यह स्पष्ट हो गया है कि उनका बयान भड़काऊ था और इससे समाज में तनाव पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि मौलाना ने खुद स्वीकार किया है कि उनके बयान ने एक धर्म को भड़काने और दूसरे समाज की भावनाओं को आहत करने का काम किया। ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सोमैया ने यह भी कहा कि यह केवल मौलाना की माफी का मामला नहीं है, बल्कि उन सभी नेताओं की जिम्मेदारी बनती है, जिन्होंने ऐसे बयानों का समर्थन किया।
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आपको बता दें कि नोमानी ने कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा की हार से केंद्र सरकार अस्थिर हो सकती है। उन्होंने भगवा पार्टी से जुड़े मुसलमानों से सामाजिक और धार्मिक संबंध तोड़ने का आह्वान किया था। उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोगों ने इस्लाम छोड़ दिया है और मांग की कि उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया जाना चाहिए (पूर्ण बहिष्कार)। उन्होंने भाजपा के मुस्लिम अनुयायियों को अपना नाम बदलकर ‘घनश्याम’ रख लेना चाहिए, उनका मजाक उड़ाते हुए और समुदाय से उनके निष्कासन का संकेत देते हुए घोषणा की थी।
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