कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से जारी किसान आंदोलन के बीच किसान यूनियन में बीते दिन सिन्धु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक नकाबपोश ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया था। अब इस नकाबपोश व्यक्ति का चेहरा सामने आ गया है। इस व्यक्ति का नाम योगेश सिंह बताया जा रहा है।
नकाबपोश व्यक्ति ने बताई सच्चाई
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, इस नकाबपोश व्यक्ति का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में बताया गया है कि यह नकाबपोश व्यक्ति किसान नेताओं द्वारा दी गई स्क्रिप्ट पढ़ रहा था। हालांकि अभी तक पुलिस ने इस वीडियो को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
योगेश का कहना है कि मुझे मारने के बाद खाना खिलाया और दारू भी पिलाई, जिसके बाद उन लोगों ने मेरा वीडियो बनाया। मेरे साथ 4 और लड़के पकड़े थे जिसमें एक का नाम सागर था। बाकी के नाम मुझे पता नहीं। सागर ने बताया कि उसे भी मारा गया। योगेश ने कहा कि उनलोगों ने मुझे डराया और कहा कि हमने सागर को मार दिया। अब तुझे छूटना है कि नहीं? योगेश का कहना है कि उन्होंने कहा कि जो हम कहेंगे, उसे तुझे प्रेस के आगे बोलना है। वहां एक झूठी कहानी बनाई गई जो मैंने मीडिया के आगे बताई। उनसे छूटने के लिए मैंने ये सब कहा और पुलिस के सामने जाते ही मैंने सब सच-सच पुलिस को बता दिया।
इस मामले पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पुलिस उस नकाबपोश आदमी से पूछताछ कर रही है। जांच पूरी होने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों के लिए सभी सामान्य सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं।
आपको बता दें कि कल सिंघु बार्डर पर किसान यूनियन की तरफ से एक नकाबपोश शख्स को पेश किया गया था। उसने दावा किया था कि 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा और चार नेताओं को गोली मारने की साजिश रची गई है।
नकाबपोश शख्स ने कहा था कि हमारा प्लान यह था कि जैसे ही किसान ट्रैक्टर मार्च को लेकर दिल्ली के अंदर घुसने की कोशिश करेंगे तो दिल्ली पुलिस इन्हें रोकगी। इसके बाद हम पीछे से फायरिंग करेंगे ताकि पुलिस को लगे की गोली किसानों की तरफ से चलाई गई है। रैली के दौरान कुछ लोग पुलिस की वर्दी में भी होंगे ताकि किसानों को तितर बितर किया जा सके।
यह भी पढ़ें: बंगाल चुनाव पर बड़ा फैसला ले सकती है चुनाव आयोग, सियासी दलों को लगेगा झटका…
नकाबपोश ने यह भी कहा था कि मार्च के दौरान स्टेज पर मौजूद चार किसान नेताओं को शूट करने का ऑर्डर है। इन नेताओं की फोटो भी दे दी गई है। बड़ी बात यह है कि शख्स ने प्रदीप नाम के एक एसएचओ का नाम भी लिया है, जो राई थाने का है और इनके पास अपना चेहरा कवर करके आता था।