शनिवार को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में एक मतदान केंद्र पर सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा की गई गोलीबारी के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। इस गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्ष, चुनाव आयोग और सुरक्षाबलों पर लगातार निशाना साध रही हैं। रविवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें वहां जाने से रोकने के लिए 72 घंटे का बैन लगाया है। बता दें कि शनिवार की घटना के बाद से आयोग ने किसी भी नेता के वहां जाने पर 72 घंटे के लिए रोक लगा दी है।
ममता बनर्जी ने आयोग पर निशाना साधते हुए कहा, ‘निर्वाचन आयोग तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रहा है, सीतलकूची में ग्रामीणों पर बंदूकें तानी गईं। नेताओं को कूचबिहार जाने से रोकना निर्वाचन आयोग का अभूतपूर्व कदम है। मैं सीतलकूची जाना चाहती हूं’
‘जानबूझ कर गोलियां चलाई’
ममता ने ये भी आरोप लगाया कि लोगों पर जानबूझ कर गोलियां चलाई गई। उन्होंने कहा, ‘ ये नसंहार है। उनके मुताबिक सुरक्षाकर्मियों को पैर या फिर शरीर के निचले भाग में गोली मारनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने शरीर पर चारों तरफ गोलियां बरसा दी। इस घटना में जिन लोगों की मौत हुई है उन्हें गले और छाती पर गोली लगी’।
CID जांच की मांग
कूच बिहार में गोलीबारी में चार लोगों की मौत के संदर्भ में केंद्रीय बलों द्वारा “आत्मरक्षा में” यह कदम उठाये जाने की दलील पर सवाल खड़ा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार इस घटना की सीआईडी जांच कराएगी।बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों के दावे के पक्ष में कोई भी वीडियो फुटेज या अन्य कोई सबूत नहीं है।
यह भी पढ़े : संजय राउत ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को लेकर केंद्र पर साधा निशाना,बताई बड़ी साजिश
आयोग की दलील
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग के विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे द्वारा दी गई शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 350-400 लोगों की भीड़ ने केंद्रीय बलों को घेर लिया जिसके बाद उन्होंने “आत्म-रक्षा” में गोली चलाई।