धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने में कम दिख रहा रुझान

उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगाये गये लाउडस्पीकर को हटाने या उसकी आवाज कम करने को लेकर रुझान कम दिख रहा है। प्रदेश के महानगरों में पुलिस प्रशासन ने अभियान के तौर पर इसे लिया है, लेकिन धार्मिक स्थलों पर स्वयं से लाउडस्पीकर की आवाज कम करने वाले या लाउडस्पीकर को उतारने वाले बेहद कम हैं।

लखनऊ के घनी बस्ती वाले शहरी क्षेत्र इमामबाड़ा, बाजारखाला, हैदरगढ़, ऐशबाग जैसे क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन ने लाउडस्पीकर को उतारने का अभियान चलाया। इसमें एडीसीपी चिरंजीवनाथ सिन्हा स्फूर्ति में दिखे, उनके साथ चल रहे पुलिस के जवानों ने सुबह शाम बजने वाले लाउडस्पीकर की आवाज को संतुलित ना रखने पर लाउडस्पीकर को उतार दिया।

कैसरबाग, अमीनाबाद में पुलिस के उपनिरीक्षकों को स्थानीय लोगों का विरोध झेलना पड़ा, बावजूद इसके उन्होंने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को उतारने का कार्य किया।

लखनऊ एक ओर जहां अभियान चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर डालीगंज, बाबूगंज, मुकारिमनगर, मदेयगंज, खदरा, डंडईया, विकास नगर, खुर्रमनगर, इंदिरानगर, निशातगंज क्षेत्रों में अभी भी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की आवाज तेज स्वर में सामने आ रही हैं। जिससे ऊंची आवाज ना पसंद करने वाले शहरी लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लखनऊ शहर की तरह ही गोरखपुर इलाके में धार्मिक स्थलों पर से लाउडस्पीकर हटाने का काम पुलिस प्रशासन ने शुरु किया है लेकिन रसूलपुर, बोष नगर कालोनी, हुंमायुपुर, मिर्जापुर पचपेड़वा, ईलाहीबाग, बड़े काजीपुर, छोटे काजीपुर, अमरुतानीबाग जैसे इलाकों में एक समय विशेष पर तेज लाउडस्पीकरों की आवाज कानों में गूंज रही है।

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उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख महानगरों प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने का अभियान धीमे रफ्तार से शुरु हुआ है। जिसमें तेजी आने की सम्भावना है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी इसमें अपनी नजर बनाये रखे हैं और इस अभियान की सफलता के लिए जिलों में पुलिस अधिकारी सक्रिय हैं।