लखनऊ। आवंटियों के हक के लिए लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने रेरा में मुकदमा दायर किया था। बता दें कि ग्रीनवुड़ आई जे ब्लाक मामले में रेरा के आदेश का पालन न करने के आरोप में सेक्सन 63 के तहत एलडीए पर जुर्माना लगाने की कार्यवाही का आदेश जारी हुआ है।
लव जिहाद के खिलाफ बने कानूनों पर भड़के ओवैसी, बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप
एलडीए को रेरा कोर्ट का एक और बड़ा झटका, भरना होगा 5% अर्थदंड
पिछले दिनों 06 नबम्बर को रेरा कोर्ट में फैसला सुरक्षित हो गया था। मामले में प्रोजेक्ट का 5% तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है। ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक अपार्टमेंट की बुकलेट में किए गए वायदे को पूरा करने को लेकर रेरा के आदेश के खिलाफ एलडीए रेरा अपील भी गया था लेकिन एलडीए के दायर अपील को पिछले दिनों कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एलडीए को रेरा कोर्ट का एक और बड़ा झटका, भरना होगा 5% अर्थदंड।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने रेरा के आदेश को चैलेंज करते हुवे रेरा अपील में अपील दाख़िल किया था। गौरतलब है कि एलडीएल ने बुकलेट में अत्याधुनिक कम्युनिटी सेंटर, पार्क, के साथ साथ खिड़कियों में यूपीवीसी स्लाइडिंग सिस्टम,किचन में एग्जास्ट फैन के साथ साथ दर्जन भर ऐसे वायदे किये थे जिसे पूरा नही किया। एलडीए को रेरा कोर्ट का एक और बड़ा झटका, भरना होगा 5% अर्थदंड।
अपार्टमेंट में फायर सिस्टम चालू नही किया। इतना ही नही नियमानुसार कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करके खुद एलडीए को सोसाइटी बनानी थी और आवास विकास के तर्ज पर इन्हें भी कार्पस फंड एवं मेंटिनेंस शुल्क उसी खाते में जमा करना था। रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार ने अपने आदेश में अपार्टमेंट एक्ट के तहत नियमानुसार सोसायटी बनाने और उसके सभी देय जिसमे मेंटिनेंस और कार्पस फंड शामिल है को ग्रीनवुड आई जे ब्लाक को देने को कहा था लेकिन एलडीए वायदा पूरा करने के बजाय रेरा अपील में आ गया था।
आज फैसला सुनाते हुवे रेरा अपील कोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की अपील को खारिज कर दिया है। यह आदेश न सिर्फ ग्रीनवुड़ बल्कि लखनऊ के सभी एलडीए के अपार्टमेन्ट के आवंटियों को उनका हक दिलाने में वरदान साबित होगा। क्योकि एलडीए ने सभी आवंटियों के साथ धोखा किया है और जो वायदे किये थे उसने अधिकांश वायदे पूरे नही किये । मामले में पिछले दिनों हुई सुनवाई में रेरा कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था। कोर्ट ने आज फैसले में रेरा कोर्ट ने सेक्शन 63 के तहत एलडीए के खिलाफ कार्यवाही के लिए सचिव रेरा को निर्देश दिए है जिसमे कोर्ट के आदेश का पालन न करने के मामले में पूरे प्रोजेक्ट का 5% अर्थदंड लगाने का प्रावधान है।