पौष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर नमोस्तुते माँ गोमती के तत्वाधान में आयोजित आदि माँ गोमती महाआरती से गुरुवार को लखनऊ स्थित मनकामेश्वर उपवन घाट की अलौकिता अपने चरम को स्पर्श कर रही थी। 28 जनवरी की पुनीत संध्या पर मनकामेश्वर मठ-मंदिर की श्री महंत देव्या गिरि ने आदि माँ गोमती महाआरती की। इस अवसर स्वतंत्रता सेनानी और पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखने वाले लाला लाजपत राय की जयंती भी श्रद्धा के साथ मनाई गई। साथ ही रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस बार की गोमती आरती पूरी तरह से 26 जनवरी की थीम पर आधारित रही। घाटों को पुष्पों व हजारों दियो से सुशोभित किया गया। पूर्णिमा की संध्या माँ गोमती आरती को देखने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
गोमती आरती से पहले मनाई गई लाला लाजपत राय की जयंती
गोमती आरती से पहले दिन मे स्वतंत्रता सेनानी और पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखने वाले लाला लाजपत राय की जयंती मनकामेश्वर उपवन घाट पर धूमधाम से मनाई गई। आचार्य अंकित तिवारी द्वारा लाजपत राय की पूजा अर्चना करने के बाद महंत देव्या गिरि ने लाजपत राय के चित्र पर माल्र्यापण किया।
बाद मे उन्होंने कहा कि इतिहास में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था। लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोंगा जिले में हुआ था। लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी यानी पंजाब का शेर कहा जाता था। लाला लाजपत राय जीवनभर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ भारतीय राष्ट्रवाद को मजबूती से खड़ा करने की कोशिश में जुटे रहे। उन्होंने देश को पहला स्वदेशी बैंक दिया। पंजाब में लाला लाजपत राय ने पंजाब नेशनल बैंक के नाम से पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखी थी।
इस मौके पर पूनम विष्ट ने एक गीत ——– पेश किया।
‘‘डिजिटल इण्डिया’’ थीम पर रंगोली प्रतियोगिता
आरती से पूर्व रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता संयोजिका उपमा पाण्डेय के संचालन में ‘‘डिजिटल इण्डिया’’ थीम पर रंगोली प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। प्रतियोगिता दिन मे 12 बजे से शुरु हुई। इस प्रतियोगिता में उम्र का बंधन नही रहा। सभी उम्र के लोगों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। शाम को आरती के बाद रंगोली मे विजयी विजेताओं को महंत जी ने पुरस्कृत किया।
11 वेदिया पर की गई आदि माँ गोमती आरती
मनकामेश्वर मठ मंदिर और ‘नमोस्तुते माँ गोमती संस्थान की ओर से पूर्णिमा की गोमती आरती परंपरा के अनुसार बनारस की तरह पर 11 वेदियों से की गई। नमोस्तुते माँ गोमती एवं मनकामेश्वर मठ मंदिर की श्रीमहंत दिव्यगिरी जी महाराज ने मुख्य मंच से माँ गोमती की महा आरती की साथ ही साथ पूर्णिमा के अवसर पर महंत देव्यागिरि ने आरती कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। पंडित शिव राम अवस्थी के आचार्यत्व में सभी वेदियों पर एक ही वेश भूषा में सभी पंडितों ने मंत्रों उच्चार के साथ माँ गोमती की आरती और पूजा अर्चना की। आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में पूनम विष्ट की गोमती पर पेश की गई प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रही। इसके अलावा बच्चों ने देशभक्ति गीतों, नृत्य की प्रस्तुति से माहौल भक्तिरंग में रंग गया।
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