नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को भारत की कोविड के खिलाफ सफलता को विश्व की सफलता से जोड़ते हुए कहा कि अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के साथ देश अपनी पूरी क्षमता एवं विश्वसनीयता के साथ वैश्विक भलाई और आपूर्ति श्रृंखला में योगदान के लिए तैयार है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस संवाद को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि भारत में दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी रहती है। ऐसे में भारत की कोरोना के खिलाफ सफलता को किसी एक राष्ट्र की सफलता नहीं बल्कि दुनिया की सफलता के तौर पर देखा जाना चाहिए।
भारत ने वायरस के प्रसार को कम करने में मदद की और मानव जाति को एक बड़ी आपदा से बचाया।प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भारत ने अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा कर अन्य देशों में भी दवा और अन्य सामग्री भेज वहां के नागरिकों की सेवा की है। अब दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम चला रहा है जिसमें महज 12 दिन में 23 लाख लोगों को टीके लगाए गए हैं। कुछ समय में देश के 3 करोड़ बुजुर्ग और बीमार लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।मोदी ने कहा कि ‘सर्वे सन्तु निरामया’ पूरा संसार स्वस्थ रहे।
भारत की इस हजारों वर्ष पुरानी प्रार्थना पर चलते हुए संकट के इस समय में भारत ने अपनी वैश्विक जिम्मेदारी को भी शुरू से निभाया है।उन्होंने कहा कि आज भारत कोविड की वैक्सीन दुनिया के अनेक देशों में भेजकर वहां पर वैक्सीनेशन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करके दूसरे देशों के नागरिकों का जीवन भी बचा रहा है। भारत में फिलहाल दो वैक्सीन तैयार हुई हैं और जल्द ही अन्य वैक्सीन भी आ जाएंगी। इससे भारत दुनिया के देशों को ज्यादा गति और बड़े स्तर पर बीमारी के खिलाफ सहायता दे सकता है।
मोदी ने कहा कि भारत अब ढांचागत परियोजनाओं और रोजगार सृजन के माध्यम देश की आर्थिक गतिविधियों को गति दे रहा है। हमने कोरोना में एक-एक जीवन को बचाया है और अब एक-एक जीवन को आगे बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। भारत अब आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है और वैश्वीकरण को मजबूत बनाने में मदद करेगा।चौथी औद्योगिक क्रांति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत अपनी क्षमता के साथ आगे बढ़ रहा है और एक बड़ी आबादी वाला देश होने के नाते इससे जुड़ी आपार संभावनाएं भी हैं।
भारत कनेक्टिविटी, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रियल टाइम डेटा से लैस है। आज भारत उन देशों में शामिल है, जहाँ मोबाइल कनेक्टिविटी देश के सबसे दूर के हिस्सों तक पहुँच चुकी है।उन्होंने कहा कि भारत में सबके पास यूनिवर्सल आईडी है और लोग उसके माध्यम से अपने फोन से ही बैंक से जुड़े हुए हैं। अकेले दिसंबर में 4 खरब का डिजिटल लेन-देन हुआ है। दुनिया के देश भारत की यूपीआई पहल को दोहरा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान अनेक देश अपने नागरिकों तक सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने को लेकर परेशान थे। इस दौरान भारत ने 76 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खातों में 1.8 खरब रुपये से अधिक सीधे ट्रांसफर किए हैं।