लेह-लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से मोर्चा संभालने हुए है। इसी क्रम में सेना के इन जवानों से मुलाक़ात करने के लिए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कठोर सर्दियों के बीच बुधवार को एलएसी का दौरा किया। इन दौरान उन्होंने अग्रणी मोर्चा पर तैनात जवानों से मुलाक़ात की और चीन के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सैन्य तैयारियों की समीक्षा भी की।
सेना प्रमुख ने किया फॉरवार्ड बेस तारा का दौरा
सेना प्रमुख फायर एंड फ्यूरी कोर के एक दिवसीय दौरे पर लेह पहुंचे। लेह से एलएसी पर चीनी सेना से कुछ मीटर की दूरी पर तैनात अग्रणी मोर्चो का जायजा लेने पहुंचे। सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने रेचिन ला का भी दौरा किया और एलएसी पर स्थिति का मूल्यांकन किया।
तनावपूर्ण स्थिति के बीच चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आक्रामक कदम उठाए, 30 अगस्त को भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर महत्वपूर्ण पहाड़ी क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया, जिसमें रेचिन ला, रेजांग ला, मुकपरी शामिल थे।
जनरल नरवणे ने रेचिन ला में भी अग्रणी मोर्चो का निरीक्षण किया। उन्होंने फॉरवार्ड बेस तारा का भी दौरा किया और स्थानीय कमांडरों और सैनिकों के साथ बातचीत की और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सैनिकों को मिठाई और केक वितरित किए।
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विवादित भारत-चीन सीमा के पास महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों और दर्रो पर तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच गया है, जो दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों के लिए नई चुनौती है। भारत और चीन एलएसी पर नौ महीने लंबे गतिरोध में लगे हुए हैं। कई स्तरों की वार्ता के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।