भारतीय कप्तान विराट कोहली इंग्लैंड दौरे की तैयारियों में लगे हुए हैं। आखिरी बार भारत ने तीन साल पहले साल 2018 में इंग्लैंड का दौरा किया था। कोहली ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में दो शतकों की बदौलत 593 रन बनाए थे। उससे पहले साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर कोहली पांच टेस्ट मैचो में सिर्फ 134 रन ही बना सके थे। कोहली पिछले दौरे का प्रदर्शन दोहराते हुए इंग्लैंड में होने वाले छह टेस्ट मैचों में टीम इंडिया को जिताने का प्रयास करेंगे। भारतीय टीम को वहां न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के अलावा इंग्लैंड के साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेलनी है। भारत के वर्ल्ड विजेता कप्तान कपिल देव को उम्मीद है कि कोहली शतक के सूखे के बावजूद रनों का सिलसिला जारी रखेंगे। हालांकि कपिल देव ने कोहली को अति-आक्रामता से बचने की सलाह दी है।
कपिल देव ने मिड डे को दिए इंटरव्यू में कहा, “मुझे उम्मीद है कि वो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। क्या आप उसे वास्तव में जकड़ सकते हैं? वो नेचुरल दिखता है जब वह सामंजस्य बैठा कर खेलता है। लेकिन मैं उसे अति आक्रामक ना होने के लिए सावधान करूंगा। उसे सेशन टू सेशल खेल को समझना होगा। उसे हावी होने की जगह अपने समय का इतंजार करना होगा। अगर वो थोड़ा धैर्य के साथ खेलेगा तो रन बनाएगा। इंग्लैड में बहुत जल्दी आक्रामक होना काम नहीं करता है, जहां आपको गेंद को देखने की जरूरत होती है।” बता दें कि कोहली ने इंग्लैंड की धरती पर 10 टेस्ट मैचों में 36।35 की औसत और दो शतक और तीन अर्धशतक की बदौलत 727 रन बनाए हैं।
टीम इंडिया को इंग्लैंड की धरती पर 14 साल से टेस्ट सीरीज जीत का इंतजार है। आखिरी बार राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2007 में सीरीज जीत दर्ज की थी। पिछले दौरे पर विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इंडिया को 4-1 से मात मिली थी। 2007 से पहले 1986 में कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर हराया था। कपिल देव का कहना है कि भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड का दौरा आसान नहीं होगा क्योंकि मेजबान टीम घरेलू परिस्थितियों में काफी अच्छी है।
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कपिल देव ने कहा, “मैं चाहता हूं कि यह टीम याद रखे कि इंग्लैंड में इंग्लिश टीम काफी मजबूत है। घर में खेलते समय वे बहुत अच्छी टीम होते हैं लेकिन फिर यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि भारतीय गेंदबाज परिस्थितियों और पिचों के साथ कैसे तालमेल बिठाते हैं। स्विंग बहुत फायदेमंद होगा और यहां मुझे लगता है कि इंग्लैंड भारत से एक कदम आगे है।”