यूनियन कैबिनेट ने कल सरकार की 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम 2 (Production Linked Incentive) को अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार का यह प्लान आईटी सेक्टर के लिए एक बड़ा प्लान माना जा रहा है। सरकार की पीएलआई स्कीम की मदद से आईटी हार्डवेयर की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
उत्पादन और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
दरअसल, आईटी हार्डवेयर सेक्टर के लिए पीएलआई 2.0 स्कीम को 6 साल की मंजूरी मिली है। इस स्कीम पर मुहर लगने के साथ ही आईटी हार्डवेयर सेक्टर में लगभग 3.35 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही लगभग 2430 करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं पैदा होंगी।
रोजगार के नए अवसर
सरकार की इस स्कीम के साथ ही देश में रोजगार के नए अवसर भी होंगे। आईटी हार्डवेयर के लॉकल ब्रांड्स को मजबूत करने के साथ इस स्कीम से सीधे तौर पर 75 हजार नए रोजगार के मौके होंगे। वहीं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार की यह स्कीम दो लाख से भी ज्यादा नौकरियों को लाने का काम करेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी योजना की जानकारी
बीते बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में कैबिनेट ने कई बड़े फैसलों पर अपनी मुहर लगाई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बैठक की जानकारी दी थी। पीएलआई फॉर आईटी हार्डवेयर को भी कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई थी, इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी थी।
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मोबाइल फोन बनाने वाले देशों की सूची में भारत दूसरे स्थान पर
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और मोबाइल फोन निर्माण के क्षेत्र में भारत तेजी से काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति का ही प्रभाव रहा कि भारत साल 2023 में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 105 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 9 लाख करोड़ रुपये) के बेंचमार्क को पार कर चुका है। भारत की पहचान दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन निर्माता के रूप में होती है।