भारत तकनीकी प्रगति और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम से उभरा है हेल्थ इनोवेशन हब के रूप में: स्वास्थ्य मंत्री नड्डा

Delhi:- स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि पिछले एक दशक में, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य शोध और औषधि क्षेत्र में स्वयं को निर्वाहक देश बनाया है। नेशनल वन हेल्थ असेंबली 2025 कार्यक्रम के वीडियो संदेश में श्री नड्डा ने कहा कि भारत तकनीकी क्षेत्र में प्रगति, मजबूत शोध क्षमताओं और स्टार्ट-अप्स के तेजी से बढ़ते इकोसिस्टम के कारण इनोवेशन हब के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा कि नेशनल वन हेल्थ मिशन की शुरुआत भारत में महामारी से निपटने के प्रमुख उदाहरणों में से एक है। यह नेटवर्क सभी सेक्टर में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा, जिससे उभरती हुई महामारी के लिए शुरुआती चेतावनी और सिग्नल की पहचान हो सकेगी। इस मिशन के अंतर्गत 16 केंद्रीय और राज्य मंत्रालय तथा विभाग, मानव, पशु और पर्यावरण की स्वास्थ्य की रक्षा के लिए मिलकर काम करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने देसी टेक्नोलॉजी का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के मेड-टेक स्टार्ट-अप्स स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। श्री नड्डा ने कहा कि टीकाकरण के क्षेत्र में भारत का नेतृत्व रहा है। कोरोना काल में भारत ने कोवैक्सिन, कोर्बेवैक्स और कोविशील्ड जैसी देसी कोविड वैक्सीन बनाई, जिसकी आपूर्ति सौ से अधिक देशों को की गई।

नई दिल्ली में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि यह मिशन देश में अब तक बनाए गए सबसे एकीकृत, महत्वाकांक्षी और भविष्य के लिए तैयार रूपरेखा में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत, महामारी पर नियंत्रण के लिए एक स्थायी स्तंभ के तौर पर वन हेल्थ को संस्थागत बनाने में अग्रणी है। डॉ. पॉल ने बताया कि यह मिशन सिर्फ़ एक सामयिक योजना नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है।