अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 65 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया संबोधन ने उत्तर प्रदेश में विकास, विरासत और नेतृत्व के समन्वय को एक बार फिर केंद्र में ला दिया। लखनऊ में बने भव्य राष्ट्र प्रेरणा स्थल के लोकार्पण अवसर पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की विशेष सराहना की। उन्होंने उस ऐतिहासिक परिवर्तन को रेखांकित किया, जिसके तहत 30 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला दशकों पुराना कूड़े-कचरे का पहाड़ मात्र तीन वर्षों में पूरी तरह समाप्त कर दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ श्रमिकों, कारीगरों और योजनाकारों को देते हुए सभी को हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राष्ट्र प्रेरणा स्थल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री योगी को बधाई देते हुए इसे लखनऊ के गौरव से जोड़ा।

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार को उत्तर प्रदेश में दूसरी बार ‘अटल’ सम्मान प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में इसे प्रदेशवासियों के लिए “विरासत पर गर्व की अनुभूति” के रूप में देखा जा रहा है। यह अनुभूति पहली बार नहीं थी—योगी शासन के छह वर्षों के भीतर दूसरी बार तब देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया।

अटल बिहारी वाजपेयी का लखनऊ से विशेष और आत्मीय लगाव सर्वविदित रहा है। अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में उन्होंने लखनऊ को सदैव प्राथमिकता दी और योगी सरकार ने उनकी स्मृतियों को सहेजने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।

इसी क्रम में पहली बड़ी पहल 25 दिसंबर 2019 को हुई, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकभवन परिसर में अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था। इसके ठीक छह वर्ष बाद, 25 दिसंबर 2025 को वाजपेयी के जन्म शताब्दी महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 65 फीट ऊंची भव्य कांस्य प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह—तीनों के उद्बोधनों में राष्ट्र, राम और महापुरुषों के प्रति सम्मान की स्पष्ट झलक देखने को मिली। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत “भारत माता की जय” के उद्घोष से की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “सियावर रामचंद्र भगवान की जय” के जयकारे के साथ प्रदेशवासियों की भावनाओं से सीधा संवाद स्थापित किया।

तीनों नेताओं ने पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों व कृतित्व पर प्रकाश डाला। साथ ही महामना मदन मोहन मालवीय और महाराजा बिजली पासी की जयंती पर उन्हें स्मरण करते हुए वर्तमान पीढ़ी को भारत के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने का संदेश दिया।