उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार मान्यता प्राप्त मदरसों के कायाकल्प में भी जुट गई है। सरकार इसके लिए गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे भी करा रही है। सर्वे के बाद या तो इनको बंद किया जाएगा या फिर मान्यता प्राप्त मदरसों के साथ जोड़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के विरोध के बाद भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे आज यानी शनिवार से शुरु हो रहा है। अल्पसंख्यक विभाग की टीमों को पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा कर शासन को 25 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट भेजनी होगी।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने विरोध भी प्रारंभ कर दिया था। समाजवादी पार्टी के बाद बहुजन समाज पार्टी और एआइएमआइएम इस सर्वे के विरोध में है।
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शनिवार से शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शनिवार से शुरू होगा। राज्य में मदरसों के सर्वे करने की शुरूआत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ करेंगे। इनके साथ शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी रहेंगे। पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा होगा। शासन को इस सर्वे की रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक भेजी जाएगी।
भाजपा के खिलाफ विपक्ष हमलावर
उत्तर प्रदेश में आज से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू होगा। इस सर्वे को लेकर विपक्ष भाजपा के खिलाफ काफी जोर-शोर से लग गया है। पहले मदरसे के मुद्दे पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने योगी आदित्यनाथ सरकार को निशाने पर लिया था और अब एआईएमआईएम प्रमुख हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया है कि मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 50,000 शिक्षकों की कुल 750 करोड़ रुपया तनख्वाह बकाया है। लोकसभा में मैंने सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तक्सीम कर दिए जायेंगे। उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा कि टीचरों की ऐसे हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं। बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन-से सर्वे की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में इन मदरसों को आधुनिकीकरण के बहाने निशाना बनाया जा रहा है। देश में भाजपा शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकीकरण के खिलाफ हूं।
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एकत्र की जाएंगी संबद्धता से संबंधित सूचनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांचने के लिए उनका सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया था। इसमें मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं एकत्र की जाएंगी। यह काम आज से प्रारंभ हो रहा है।