दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में वायु प्रदूषण चरम पर है। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायलय में में लगातार सुनवाई चल रही है। इसी कड़ी में आज सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि उद्योग धंधों के बंद होने से राज्य में गन्ना और दूध उद्योग प्रभावित हो सकते हैं। योगी सरकार ने कहा कि हवा के दबाव को देखें तो यूपी निचले स्तर पर है। यहां की प्रदूषण युक्त हवा अधिकतर पाकिस्तान से आ रही है।

यूपी सरकार की इस दलील पर चुटकी लेते हुए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा तो आप पाकिस्तान में उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। इधर प्रदूषण मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि पांच सदस्यों की इंफोर्समेंट टास्क फोर्स गठित की गई है। वायु प्रदूषण को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने देखा है कि मीडिया का कुछ वर्ग यह दिखाने का प्रयास करता है कि हम खलनायक हैं। हम स्कूलों को बंद करना चाहते हैं।
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आपने (दिल्ली सरकार) कहा था कि हम स्कूल बंद कर रहे हैं और वर्क फ्रॉम होम शुरू कर रहे हैं, लेकिन आज का अखबार देखें। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता शुक्रवार की सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को सुबह नौ बजे 358 रहा जबकि पड़ोसी एनसीआर शहरों जैसे कि फरीदाबाद (289) और ग्रेटर नोएडा (250) में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में ही दर्ज की गयी।
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