ज्ञानवापी परिसर का सर्वे ASI की टीम ने शुरू कर दिया है। शासन ने शहर में हाई अलर्ट लगा दिया है। हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे में सहयोग की बात कही जा रही है वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के आदेश के खिलाफ आज 24 जुलाई यानी की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में होने वाली सुनवाई की होने वाली सर्वे डेट को आगे बढ़ाने के लिए दरख्वास्त किया है।
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी
आपको बता दे, ज्ञानवापी में सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े पर अर्जी लगाई है। इस मामले में कोर्ट ने CJI एसजी मेहता से सर्वे की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। एसजी मेहता ने जानकारी दी कि ज्ञानवापी परिसर में एक भी चीज को हाथ नहीं लगाया गया है और न ही हटाई गई है। उन्होंने बताया की अभी ऐसी कोई योजना नहीं बनाई गई है। फिलहाल अभी जो काम हो रहा है वह माप, फोटोग्राफी, रडार है, जो संरचना को प्रभावित नहीं करेगा। हम इस हद तक बयान दर्ज करते हैं कि अगले सप्ताह सोमवार तक साइट पर किसी भी तरह की खुदाई नहीं होगी। बता दे, सुप्रीम कोर्ट ने मसाजिद कमेटी को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा है। और अब ऐसे में इस मामले को हिंदू पक्ष के तौर पर देखा जा रहा है।
हर दीवारों का लिया जा रहा सैंपल
जानकारी के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे चल रहा है। इसके साथ ही नींव के पास खोदाई कर मिट्टी ली गई है। नींव के आसपास के ईंट-पत्थर के टुकड़े सैंपल के लिए इकठ्ठा किया जा रहा हैं और इसी के साथ सभी जगह की फोटो खींची जा रही है। पूरे परिसर की नापजोख की जा रही है। इस मामले में मशीनों के सहयोग से दीवारों को पूरा स्कैन किया जा रहा है और साथ ही दीवारों पर कागज लगा कर उनका सैंपल इकठ्ठा किया गया है।
पूरे ज्ञानवापी परिसर की पैमाइश
जानकारी के के मुताबिक, इस मामले में लगभग 43 सदस्यीय ASI टीम ने शुरुआती दो घंटे में पूरे ज्ञानवापी परिसर की पैमाइश की। केवल वजूस्थल को छोड़कर उन जगहों के पूरी तरह से हर एक पत्थर और ईंट की ऊंचाई लम्बाई नापी गई। इसी के साथ दीवारों की फोटो-वीडियोग्राफी भी बनाई की जा रही है। जरूरत पड़ने पर खुदाई भी हो सकती है।
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