उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को राजभवन के गांधी सभागार में संस्कृत भारती द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘अवध सम्पदा’ के वाल्मीकि विशेषांक का विमोचन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत भाषा को नई शिक्षा नीति में विशेष स्थान प्राप्त हुआ है। इसके माध्यम से संस्कृत की प्रासंगिकता को नई दिशा मिलेगी। संस्कृत भाषा को जनभाषा बनाने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सबको संस्कृत पढ़ने और बोलने के प्रयास करने चाहिए। संस्कृत ज्ञान मीमांसा का प्रसार विश्व बन्धुत्व की स्थापना के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ज्ञान-विज्ञान का मूल आधार संस्कृत भाषा में ही मिलता है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विमोचन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हजारों साल पहले महर्षि वाल्मीकि ने महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना नहीं की होती तो आज हम सभी भगवान श्रीराम के आदर्शों एवं उनकी शिक्षाओं से वंचित रह जाते। भगवान श्रीराम के जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं हैं, जहां वह हमें प्रेरणा नहीं देते हैं। हमारी हर भावना में प्रभु राम में झलकते हैं। महर्षि वाल्मीकि के जीवन का समता, त्याग और करुणा का सन्देश सभी के लिये प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के जीवन से हमें मानवता के कल्याण के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।
संस्कृत हमारी संस्कृति का मेरुदण्ड
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देव भाषा संस्कृत भारत की आत्मा है। देश के धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, दार्शनिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक जीवन एवं विकास की कुंजी संस्कृत भाषा में ही समाहित है। संस्कृत देश की सभी भाषाओं की जननी है। राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति का मेरुदण्ड है, जिसने सहस्त्रों वर्षों से हमारी अनूठी भारतीय संस्कृति को न केवल सुरक्षित रखा है, बल्कि उसका संवर्धन तथा पोषण भी किया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में दो फाड़, 7 अखाड़ों ने चुना अध्यक्ष और महामंत्री
हजारों साल की वैचारिक प्रज्ञा को समझने के लिए संस्कृत ही माध्यम
उन्होंने कहा कि संस्कृत अपने विशाल साहित्य, लोक हित की भावना तथा उपसर्गों के द्वारा नये-नये शब्दों के निर्माण की क्षमता के कारण आज भी अजर-अमर है। उन्होंने कहा कि देश की हजारों साल की वैचारिक प्रज्ञा को समझने के लिए संस्कृत ही एक माध्यम है। इस अवसर पर संस्कृत भारती अवध प्रांत न्यास के अध्यक्ष जे0पी0 सिंह, संस्कृत भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष शोभनलाल उकील, संस्कृत भारती अवध प्रांत न्यास के सचिव कन्हैयालाल झा तथा अखिल भारतीय महामंत्री श्रीशदेव पुजारी, संगठन मंत्री गौरव नायक, वंदना द्विवेदी, नूतन सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
 Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine
				 
			 
		 
						
					 
						
					