अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में दो फाड़, 7 अखाड़ों ने चुना अध्यक्ष और महामंत्री

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में दो फाड़ हो गयी है। 13 में से 7 अखाड़ों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। 7 अखाड़ों ने बैठक कर सर्वसम्मति से श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज को अध्यक्ष व बैरागी निर्मोही अखाड़े के श्रीमहंत राजेन्द्रदास महाराज को महामंत्री चुन लिया है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज के निधन के बाद अध्यक्ष पद रिक्त हो गया था, जिसके बाद महंत देवेन्द्र सिंह शास्त्री महाराज को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था। परिषद की बैठक 25 अक्टूबर को नियत थी, लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक का एजेंडा जारी करते हुए बैठक बुलाई गयी। इसमें सात अखाड़ों श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, उदासीन पंचायती अखाड़ा बड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल, श्री पंचायती अखाड़ा अटल व बैरागी के तीनों अखाड़े शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज को अध्यक्ष व बैरागी निर्मोही अखाड़े के श्रीमहंत राजेन्द्रदास महाराज को महामंत्री चुन लिया गया।

इसके साथ निर्मल अखाड़े के जसविन्दर सिंह को कोषाध्यक्ष, गौरीशंकर दास को प्रवक्ता, उदासीन बड़ा अखाड़े के महंत दामोदर दास महाराज को उपाध्यक्ष, दिगम्बर अणी अखाड़े के रामकिशोर दास को मंत्री बनाया गया है। साथ ही बैरागी निर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत धर्मदास महाराज व उदासीन बड़े अखाड़े के श्रीमहंत महेश्वरदास महाराज को संरक्षक बनाया गया है।

इस अवसर पर बैठक में सर्वप्रथम पूर्व अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज, कश्मीर में शहीद हुए सेना के जवानों व उत्तराखंड में आयी आपदा में जान गंवाने वालों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इसके बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य ने धर्म की रक्षा के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी, उसी के अनुरूप परिषद धर्म रक्षा व धर्म के प्रचार-प्रसार का कार्य प्राथमिकता से करेगी।

अखाड़ा परिषद के दो फाड़ होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि परिषद कहीं दो फाड़ नहीं हुई है। सात अखाड़ों के बहुमत से चुनाव कराया गया है। उन्होंने कहा कि परिषद की पूर्व से परम्परा चली आयी है कि दो पदों से एक पद बैरागी व एक पद संन्यासी अखाड़े पर रहता है। पूर्व में परिस्थितिवश परम्परा बदली, लेकिन अब उसे सही कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि हम सभी को साथ लेकर चलें, जो भी साथ आना चाहता है उसका स्वागत है। बैठक की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह महाराज ने की।

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इस दौरान नवनियुक्त पदाधिकारियों को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। चुनाव के बाद सभी ने दक्षेश्वर महादेव मंदिर जाकर भगवान शिव की पूजा कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान सातों अखाड़ों के कई संत मौजूद थे।