राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजभवन में प्रादेशिक फल, शाक-भाजी तथा पुष्प प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। तीन दिवसीय यह प्रदर्शनी जनता के लिए भी खोली गई है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उद्घाटन समारोह में विभिन्न स्टॉल का जायजा लिया। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के हर जिले के प्रख्यात फल, सब्जी तथा पुष्प को रखा गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मैं पहली बार यहां आया था, तो किसानों ने अपने कौशल के अनुसार प्रदर्शन किया था। अब वे जैविक उत्पादों से जुड़े हुए हैं। किसानों की आमदनी को दोगुना करने और लागत का डेढ़ गुना दाम देने के लिए लागत को कम करके उत्पादन को बढ़ाना और कृषि के विविधीकरण की ओर ध्यान देना जरूरी है।
इस प्रदर्शनी में शहद, फल संरक्षित पदार्थ, पॉलीहाउस में उत्पादित पुष्प एवं सब्जियों, महिलाओं, मालियों तथा बच्चों द्वारा की गयी कलात्मक पुष्प सज्जा, रंगोली, वर्टिकल गार्डन, गमलों का कलात्मक समूह और गमलों में लगी शाकभाजी का प्रदर्शन बेहद आकर्षक ढंग से किया गया है।
प्रदेश स्तरीय यह प्रदर्शनी उत्तर भारत की एक महत्वपूर्ण फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी है। इस प्रदर्शनी में गमलों में लगे सदाबहार पत्ती वाले, फूल वाले तथा अन्य गमलों के पौधों, सिनरेरिया व अन्य मौसमी फूलों वाले गमलों का कलात्मक समूह, गमलों में लगी वोगेनवेलिया, वर्टिकल गार्डेन, गमलों में लगी शाकभाजी, गमलों में लगे गुलाब, डहेलिया, औषधीय-सगंध पौधे, कैक्टस, सकुलन्ट्स, बोनसाई, औषधीय पौधे, विभिन्न किस्म की शाकभाजी, फल, यूरोपियन शाकभाजी, पॉलीहाउस में उत्पादित पुष्प, मशरूम, शहद, पान के पत्ते, फल संरक्षित पदार्थ, गुलाब के कटे फूल, फूलों से बनी आकृतियों, मालियों महिलाओं व बच्चों द्वारा प्रदर्शित कलात्मक पुष्प सज्जा, रंगोली, निर्यात वाले प्रमुख पुष्प एवं फोटोग्राफी आदि वर्गों में प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
प्रदर्शनी स्थल की स्वच्छता के लिए पर्याप्त संख्या में कूड़ादान तथा अच्छी गुणवत्ता के हाइजेनिक प्रसाधन की व्यवस्था की गई है। राज्यपाल 08 फरवरी को अपराह्न चार बजे सर्वाधिक पुरस्कार विजेता व सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श विजेता एवं समस्त वर्गों के चल कप विजेताओं, महिलाओं व बच्चों तथा प्रदेश के जेल विभाग से आये विजेता प्रतिभागियों पुरस्कार वितरित करेंगी।
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प्रदर्शनी स्थल पर आने वाले आगंतुकों और प्रतिभागियों को कोरोना प्रोटोकाल के नियमों का पालन करना जरूरी है। प्रदर्शनी में स्कूल छात्रों का प्रवेश निःशुल्क है तथा अन्य सभी के लिए पांच रुपये का प्रवेश शुल्क रखा गया है।