नयी दिल्ली। इस महीने के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 11,820 करोड़ रुपये निकाले। इसका मुख्य कारण रुपये का तेज अवमूल्यन है। नवंबर में 3,765 करोड़ रुपये की निकासी के बाद ये तेज बिकवाली हुई है और इससे बाजार पर दबाव बढ़ा है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में 14,610 करोड़ रुपये की लिवाली की थी।
जिससे तीन महीने की भारी बिकवाली का सिलसिला टूटा। सितंबर में 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये निकाले गए थे। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार इस महीने के पहले हफ्ते में एफपीआई ने इक्विटी से 11,820 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। इससे 2025 में कुल निकासी 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गई।
विश्लेषकों के अनुसार ताजा बिकवाली का मुख्य कारण मुद्रा संबंधी चिंताएं हैं। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इस साल रुपया करीब पांच प्रतिशत कमजोर हुआ है, जिस वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि एफपीआई की निकासी के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की मजबूत खरीदारी से बाजार को सहारा मिला। इसी अवधि में डीआईआई ने 19,783 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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