भारतीय किसान संघ (बीकेएस) बुधवार को देशभर में लागत के आधार पर समान रूप से देशभर में लाभकारी मूल्य (एमएसपी) दिए जाने की मांग को लेकर सांकेतिक धरना देगा। बीकेएस ने स्पष्ट किया है कि तीन कृषि कानूनों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसान आंदोलनकारियों की मांगों से उनका कोई लेना देना नहीं है।
जंतर-मंतर पर सुनाई पड़ेगी किसानों की गर्जना
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य महज एक छलावा साबित हुआ है। वास्तविक गणना के हिसाब से फसलों की लागत नहीं तय की जा रही है। हमारी मांग है कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय किया जाए। साथ ही इसे कानून सम्मत बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष इस संबंध में वे अपनी बात रख चुके हैं। 11 अगस्त को प्रधानमंत्री को अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा था। अब इस मुद्दे पर बुधवार को देशभर के जिला केन्द्रों पर सांकेतिक धरना-प्रदर्शन दिया जाएगा। इसी तर्ज पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी सुबह 11 से 2 बजे तक धरना रहेगा।
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बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि वर्तमान में सरकार केवल 23 फसलों पर ही एमएसपी दे रही है। इनमें से भी कुछ प्रदेशों से ही ज्यादातर खरीद की जा रही है। कुछ प्रांतों को इसका लाभ मिल रहा है और कुछ प्रांतों को लाभ नहीं मिल रहा है। हमारी मांग है कि यह भेदभाव खत्म होना चाहिए और एक दीर्घकालीन नीति तय होनी चाहिए, ताकि सभी का लाभ सुनिश्चित हो। देश में 15 कृषि जोन हैं। वहां हर उत्पाद के लिए अलग-अलग लाभकारी मूल्य तय होना चाहिए और सरकार इसके लिए कानून बनाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम आगे 10 दिन का समय लेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।