जोधपुर। इंडियन एयर फोर्स ने शुक्रवार को जैसलमेर के पोखरण फायरिंग रेंज में दुश्मन के टैंक उड़ाने में सबसे कारगर मानी जाने वाली मिसाइल हेलिना के उन्नत वर्जन ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण किया। हेलीकॉप्टर ध्रुव से दागी गई देश में ही विकसित इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक प्रहार कर उसे नष्ट कर दिया। तीन दिन से पोखरण में एयर फोर्स और डीआरडीओ की टीम इसके परीक्षण की तैयारियों में जुटी थी। दुश्मनों के टैंकों का मिटा देगी नामो-निशान, भारत से टक्कर लेना पड़ेगा भारी(
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दुश्मनों के टैंकों का मिटा देगी नामो-निशान, भारत से टक्कर लेना पड़ेगा भारी: सैन्य सूत्रों का कहना है कि तीसरी पीढ़ी की दागो और भूल जाओ की तकनीक पर काम करने वाले देश में ही विकसित इस मिसाइल को ध्रुवास्त्र नाम दिया गया है। नई पीढ़ी की इस मिसाइल को हेलीकॉप्टर से दागे जाने के कारण इसे हेलिना नाम दिया गया। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह मिसाइल सभी तरह के मौसम, चाहे दिन हो या रात अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक हमला करने में सक्षम है।
दुश्मनों के टैंकों का मिटा देगी नामो-निशान, भारत से टक्कर लेना पड़ेगा भारी: ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली के एक संस्करण को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है। परीक्षण के बाद इस मिसाइल को एयर फोर्स को सौंप दिया जाएगा। इसका इस्तेमाल ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ किया जाएगा। साथ ही इसे हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर से भी दागा जा सकता है। रणक्षेत्र में आगे बढ़ते दुश्मन के टैंकों को बारी-बारी से यह मिसाइल ध्वस्त करने में पूर्णतया सक्षम है। यह मिसाइल दुनिया के किसी भी टैंक को उड़ा सकती है।